नई दिल्ली: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर खालिस्तानी आतंकी की हत्या कराने का आरोप लगाया है. ट्रूडो ने यह बात सोमवार को कनाडा के संसद पटल पर कही है. उन्होंने कहा कि जून महीने में भारत सरकार के एजेंट्स ने सिख समुदाय के नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या करवाई थी. बता दें कि खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में गोली मारकर हत्या की गई थी. कनाडा ने भारत के शीर्ष राजनयिक को निष्कासित कर दिया. इसके जवाब में भारत ने भी कनाडा के राजनयिक को निष्कासित कर दिया है. दोनों देशों के बीच तल्खी बढती जा रही है.


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कौन था हरदीप सिंह निज्जर
हरदीप सिंह निज्जर खालिस्तानी समर्थक ग्रुप खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख रहा है, जिस पर 10 लाख रुपये का इनाम रखा गया है. निज्जर मूल रूप से पंजाब के जालंधर के भार सिंह पुरा गांव का रहने वाला था. वह 1997 में कनाडा चला गया था. भारतीय एजेंसियों द्वारा जारी की गई लिस्ट में निज्जर का नाम मोस्ट वांटेड आतंकियों में शामिल था.


एनआईए द्वारा जारी की गई 40 आतंकियों की लिस्ट में भी निज्जर का नाम था. ब्रैंपटन शहर में खालिस्तान के पक्ष में रेफरेंडम करवाने में भी उसकी भूमिका बताई जाती है. निज्जर के खिलाफ 23 जनवरी, 2015 को लुकआउट नोटिस और 14 मार्च, 2016 को रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था. इसी साल 19 जून को एक गुरूद्वारे में निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 


पीएम मोदी के सामने उठाया मुद्दा
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया कि उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन में भी इस मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उठाया था. उन्होंने कहा, 'कनाडा की धरती पर किसी नागरिक की हत्या करवाने में विदेशी सरकार का हाथ होना देश की संप्रभुता का उल्लंघन है. इस हत्या की जांच में सहयोग देने के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाया जाएगा. यहां रहने वाली भारतीय मूल के सिखों की आबादी इस हत्या के चलते गुस्से से भरी है. कई सिख अपनी सुरक्षा को लेकर डर में हैं. देश में 14-18 लाख के बीच भारतीय मूल के नागरिक हैं, जिनमें बहुत सारे सिख हैं.'


वहीं, कनाडा की विदेश मंत्री मेलनी जॉली ने का दावा है कि उनकी सरकार ने एक भारतीय डिप्लोमैट को देश से निकाला है. वे कनाडा में भारतीय इंटेलिजेंस के प्रमुख थे. भारत ने भी कनाडा के राजनयिक को तलब किया है. 



भारत बोला- कनाडा के आरोप बेतुके हैं
भारत ने कनाडा की तरफ से लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, 'कनाडा के सभी आरोप बेतुके हैं. इसी तरह के आरोप कनाडाई प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी के सामने भी रखे थे. उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था. ये निराधार आरोप हैं, खालिस्तानी आतंकियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश है. इन्हें कनाडा में पनाह दी गई है. ये भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा हैं. कनाडा में अलगाववाद को बढ़ावा दिया जा रहा है. भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा हो रही है. कनाडा में भारतीय समुदाय और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है. 


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