नई दिल्ली.  चीन की जिस बदनाम लेबोरेट्री से निकल कर चीनी वायरस ने सारी दुनिया में तहलका मचा दिया है, उसी वुहान की लैब को मिली है ये जहरीली जिम्मेदारी. यहां बनाये जा रहे जैविक हथियार और इसके मिले जुले निर्माता हैं चीन और पाकिस्तान. 


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ऑस्ट्रेलिया ने लगाया है आरोप 


ये आरोप ऑस्ट्रेलिया से आया है. ऑस्ट्रेलिया की की एक वेबसाइट ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान और चीन मिलकर जैविक हथियारों का निर्माण कर रहे हैं. और इस बड़े प्रोजेक्ट को चलाने के लिए दोनों देशों के बीच रक्षा समझौता भी हुआ है.


CPEC की आड़ में बन रहे हैं हथियार 


ऑस्ट्रेलिया से आई इस खबर का सबसे महत्वपूर्ण अंश ये है कि ये जैविक हथियार सीपीईसी अर्थात चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर की आड़ में बनाये जा रहे हैं. एक तरफ तो भारत के विरुद्ध इस्तेमाल करने के लिए चीन पाकिस्तान को आधुनिक हथियार दे रहा है, दूसरी तरफ वह पाकिस्तान के साथ मिल कर इस घातक प्रोजेक्ट पर काम भी कर रहा है. 


पिछले पांच साल से बन रहे हैं हथियार 


ये खुलासा करने वाली ऑस्ट्रेलिया की न्यूज़ वेबसाइट क्लाक्सोन के अनुसार पिछले पांच सालों से ये हथियार बनाए जा रहे हैं. और इस काम को जहां अंजाम दिया जा रहा है वह और कोई नहीं बल्कि दुनिया में बदनाम चीनी लैब है जिसे दुनिया वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी के नाम से जानती है. 


तीन साल की हुई है डील 


क्लाक्सोन की ख़ुफ़िया रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 से पाकिस्तान में खतरनाक वायरस पर रिसर्च चल रही है जिसे वुहान के वैज्ञानिक अंजाम दे रहे हैं. इस रिसर्च का लक्ष्य ख़ास तौर पर वायरस को हथियार में बदलने से जुड़ा हुआ है और दोनो बदनाम देशों के बीच की ये डील अगले तीन साल चलने वाली है. 


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