नई दिल्ली. शांति की पूर्व शर्त वीरता है - यह मानता है भारत और यह बता भी दिया है दुनिया को . भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह आज 3 जुलाई 2020 को भारत-चीन सीमा के लेह क्षेत्र में जाकर भारतीय सैनिकों का मनोबल बढ़ाया है वह भारत की आत्मशक्ति और भारत के मनोबल का चीन पर हमला है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


 


पीएम मोदी के दौरे से हैरान हुआ चीन


दुनिया में किसी को भी इस तरह के किसी कदम की पीएम मोदी से अपेक्षा नहीं थी, किन्तु भारी सैन्य तनाव के मध्य अचानक लेह पहुंच कर प्रधानमन्त्री ने भारतीय सैनिकों के मनोबल को आसमानी बना दिया, सारे भारत के आत्मविश्वास को नई परवाज़ भी दे दी. ज़ाहिर है भारत की यह सांकेतिक सर्जिकल स्ट्राइक हैरान कर गई चीन को.



 


चिढ़े चीन ने जारी किया बयान 


पीएम मोदी के लेह पहुंचने से चीन बुरी तरह चिढ़ गया है. उसे भारत के तेवर अनकही तौर पर आक्रामक नज़र आने लगे हैं. तभी चीन से त्वरित वक्तव्य सामने आया है जिसमें कहा गया है कि दोनो पक्षों के बीच शांति वार्ता चल रही है ऐसे में किसी तरह के हालात बिगाड़ने वाले कदम नहीं उठाये जाने चाहिये.



 


पूर्ण शक्तिमान हुई भारतीय सेना


पीएम मोदी के लेह दौरे का संदेश सीधा बीजिंग पहुंचा है और इसकी ध्वनि सारी दुनिया में साफ-साफ सुनाई दी है - चाहे वह वाशिंगटन हो या मास्को या फिर लंदन हो या बर्लिन. भारत ने साफ संकेत दे दिया है कि सारा भारत चीन के खिलाफ एक है और भारत के आत्मविश्वास को प्रतिनिधित्व दिया है भारतीय प्रधानमन्त्री ने और लेह पहुंच कर उन्होंने गलवान की बलवान भारतीय सेना को चीन के खिलाफ मनोबल के स्तर पर भी शक्तिमान बना दिया है. 


चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कही ये बात


चीन के विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी के लेह दौरे पर अपनी खीझ भरी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि भारत और चीन के बीच शांतिवार्ता चल रही है. दोनो ही पक्षों की तरफ से तनाव घटाने के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर प्रयास हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में किसी भी पक्ष को हालात बिगाड़ने वाले कदम उठाने से बचना चाहिये.


ये भी पढ़ें. भारत के खिलाफ नया पाकिस्तान बना चीन, आतंक का पल्लू थामा