चीन ने पाकिस्तान से क्यों कह दिया- हमरा के तोहरा पर भरोसा नहीं है?
चीन को पाकिस्तान पसंद है, लेकिन पाकिस्तान को तो तालिबान पसंद है. अब भला चीन और पाकिस्तान के इस याराने के सामने तालिबान ने झटका दिया तो चीन को समझ आने लगा है कि आतंक तो अपने बाप का सगा नहीं होता, तो उससे कैसे वफादारी निभाएगा. तभी तो पाकिस्तान में हुए विस्फोट में मारे गए चीनियों की जांच को लेकर चीन अपने यार पर भरोसा नहीं कर पा रहा है.
नई दिल्ली: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में एक बड़ी आतंकी वारदात हुई है. एक साथ चीन के 9 इंजीनियर्स समेत 13 लोगों की मौत हुई है. ये चाइनीज इंजीनियर्स दासू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में काम करते थे. पाकिस्तान में चीनियों पर हमले की ये पहली बड़ी वारदात है.
गौर करने की बात ये है कि ये हमला ऐसे वक्त में हुआ है जब अफगानिस्तान में तालिबान के हौसले बुलंद हैं और 8 जुलाई को ही तालिबान ने गिलगित बाल्टिस्तान की सड़क पर खड़े होकर पाकिस्तानी सरकार को धमकी भी दी थी. अब चीन पाकिस्तान को धमका रहा है कि जल्दी जांच करो और हमला करने वालों को पकड़ो.
चीन को आतंक का डंक, तो उठ गया पाक से भरोसा?
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि चीन जांच में पाकिस्तान के साथ मिलकर सहयोग करेगा. इसके मायने समझिए, आतंक के पनाहगार के सबसे बड़े मददगार चीन को उस वक्त झटका लगा जब उसके 9 इंजीनियर्स मारे गए. इसकी जांच की बात आई तो चीन ने इशारों-इशारों में बता दिया कि उसे पाक पर भरोसा नहीं है.
तभी तो चीन ने पाकिस्तान में हुए इस धमाके की जांच में सहयोग करने की बात कर रहा है. चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर गुरुवार को एक पोस्ट के अनुसार विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से मुलाकात की और पाकिस्तान से विस्फोट की जांच करने की बात कही. गौर करने वाली बात ये थी कि उन्होंने इस घटना को विस्फोट बताया, हमला नहीं.
तालिबान की धमकी, पाक ने की तारीफ और चीनियों पर हमला
आठ जुलाई को तालिबानी कमांडर पाकिस्तान को धमकी देता है. तीन दिन बाद पाकिस्तान का मंत्री शेख राशिद तालिबान की तारीफ करता दिखता है और दो दिन बाद खैबर पख्तूनख्वा में चीनियों की बस को बम से उड़ा दिया जाता है.
बस के चिथड़े उड़ जाते हैं, आशंका जताई जा रही है कि बस के अंदर से ही धमाका किया गया. इस धमाके में दासू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में काम करने वाले 9 चाइनीज इंजीनियर मारे जाते हैं.
पाकिस्तान की जमीन से चीन को ये अब तक का सबसे बड़ा और घातक चैलेंज था. जाहिर है चीन बौखलाया.
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चीन ने पाकिस्तान को कुछ इस तरह दी 'मीठी वार्निंग'
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने बड़ा बयान दिया. चीन ने पाकिस्तान को साफ शब्दों में कहा है, जल्द से जल्द पूरी जांच करे, सच का पता लगाए, हमलावरों को पकड़े, उन्हें सख्त सजा दे और पाकिस्तान में चाइनीज लोग, संस्थान और प्रोजेक्ट्स की ठीक से सुरक्षा करे.
लेकिन क्या पाकिस्तान ऐसा कर पाएगा? शायद नहीं.. क्योंकि पाकिस्तान आतंक की नीति और उधार की चाइनीज रोटी की लत लग चुकी है. न तो वो आतंक का हाथ छोड़ सकता है, न ही चीन का साथ छोड़ सकता है. पाकिस्तान को अब भी लगता है कि आतंकी दो तरह के होते हैं. एक अच्छा एक बुरा
पाकिस्तान का तालिबान प्रेम का सच समझिए
हाल ही में पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख रशीद अहमद ने ये माना है कि देश कर रहा तालिबान परिवारों की मेजबानी करता है. पाकिस्तान के लिए तालिबान अच्छा भी है, लेकिन यहां ये समझना होगा कि पाकिस्तान तालिबान के परिवारों की बेजबानी करता है और अफगानिस्तान वाला तालिबान उसे अच्छा भी लगता है. मगर, पाकिस्तान वाला तालिबान तो चीन-पाकिस्तान का भी सिरदर्द बनता जा रहा है. खैर, चीन को भी शायद ये बात थोड़ी-थोड़ी समझ आने लगी है. तभी तो उसने इशारों-इशारों में ये कह दिया कि उसे पाकिस्तान की जांच पर रत्ती भर का भी भरोसा नहीं है.
पाकिस्तान ने तालिबानियों से कौन सा वादा किया?
तालिबान के इन आतंकियों से पाकिस्तानी सरकार और खुफिया एजेंसी आईएसआई ने न जाने कौन सा वादा किया था जो अब तक पूरा नहीं किया है और अब ये तालिबानी धमकी दे रहा है.
उसने पाकिस्तान से साफ-साफ कह दिया है कि हम मौजूदा सरकार से कहना चाहते हैं कि हमसे किये गए वादे को जल्द पूरा करके हमारे साथ हुई शर्तों को पूरा करें.
अब पाकिस्तान की सरकार ने तालिबान की शर्त मानी या नहीं मानी. पाकिस्तान के वादाखिलाफी पर तालिबानियों को कितना गुस्सा आया और खैबर पख्तूनख्वा में तालिबानी कितने ताकतवर हो चुके हैं, ये तो पाकिस्तान ही बताएगा. लेकिन चीन के टुकड़ों पर पलने वाला पाकिस्तान अभी तक चीन को ये नहीं बता सका है कि उसके किस फिरके के आतंकियों ने 9 चाइनीज इंजीनियर्स की जान ले ली है.
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