नई दिल्लीः अपने अम्मी-अब्बू के बीच बैठी वह 23 साल की लड़की काफी देर चुप रही और उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं नजर आए. कुछ देर की चुप्पी के बाद जब अम्मी मे उसे पीठ पर सहलाया और बोलीं बताओ बेटी, क्या हुआ तो गालों तक दो आंसू ढुलक आए. कुछ संभल कर लड़की ने कहना शुरू किया... मैं आजाद हूं और अब इसका मतलब समझती हूं. मैं रोशनी और अंधेरे का फर्क जानती हूं. मुझे पता है कि मैं किस्मत वाली हूं, इसलिए बच गई. लेकिन ऐसी कई लड़कियां हैं, जिन्हें उनके चीनी पतियों ने बेच दिया है. वह गुलाम से बदतर जिंदगी जी रही हैं. वह किस्मत वाली नहीं. इतना बताते हुए पाकिस्तानी लड़की जार-जार रोने लगी. 


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पाकिस्तानी लड़कियों की है यह दर्दभरी कहानी  
खबर की शुरुआत में जो कहानी बताई गई, यह कई उन पाकिस्तानी लड़कियों की कहानी है जिनसे चीनी युवकों ने शादी की और फिर चीन ले जाकर देह व्यापार कराने लगे. सभी की कहानी की भूमिकाएं कुछ अलग, कम या अधिक हो सकती हैं, लेकिन दर्द की मात्रा उससे कहीं अधिक है, जितना आप सोच सकते हैं. समाचार एजेंसी के एपी के पास ऐसी 629 युवतियों के दस्तावेज हैं,



जो इस ज्यादती का शिकार हुई हैं. यह सभी पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाली हैं. जो वतन लौट आई हैं, वह अपना दर्द बयां कर पा रही हैं, इनका कहना है कि अभी कई और फंसी होंगी. इनमें अधिकतर लड़कियां इसाई समुदाय की हैं. कुछ अन्य भी हैं. 


कई परिवारों को पता ही नहीं, तो कई खुद थे बेचने में शामिल
पाकिस्तान की जांच एजेंसियां मानव तस्करी के इस नेटवर्क का पता लगाने में जुटी हैं. ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शिकार देश की सबसे मजबूर और कमजोर तबके की महिलाएं ही होती हैं. गरीब तबके वाले इन परिवारों को पता ही नहीं होता वह केवल ठीक-ठाक भविष्य के लिए अपनी बेटियों को वतन से दूर भेज देते हैं, जबकि कई मामलों में परिवार खुद इनमें लिप्त होता है.



बकायदे बेटी को बेचकर ही उसकी शादी की जा रही है. एक लड़की ने बताया कि उसके भाइयों ने उसे चीनी युवक के हाथों बेच दिया. वह बड़ी मुश्किल से वहां से बच निकली है. एपी के पास 


पाकिस्तान को भनक थी, लेकिन नहीं हुई जांच 
यह मामला इसी साल के जून में जोर-शोर से उछला था. तब इस अपराध नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई थी.  हालांकि जांच में तेजी नहीं आ सकी थी और इससे पहले ही वह ठंडे बस्ते में चली गई थी. जांच टीम से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि सरकारी तंत्र और ऊपरी अधिकारियों की ओर से दबाव के कारण जांच पूरी नहीं हो सकी. रिपोर्ट के अनुसार, एक अफसर का कहना था कि सरकारी अधिकारियों के बीच चीन के साथ पाकिस्तानी सरकार के मजबूत संबंधों को देखते हुए भी डर का माहौल रहता है.


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31 चीनी युवक हुए बरी
मानव तस्करी के खिलाफ जारी जांच को इस साल अक्टूबर में सबसे बड़ा धक्का लगा था. अक्टूबर में फैसलाबाद कोर्ट ने 31 चीनी नागरिकों को तस्करी के अपराध से बरी कर दिया था. कोर्ट ने इसके पीछे की वजह को पर्याप्त साक्ष्य का न होना बताया. जांच टीम का कहना है कि शुरुआत में जिन महिलाओं ने अपने बयान दर्ज कराए थे, बाद में उन्होंने जांच में सहयोग करने से इनकार कर दिया था.



जांच टीम का मानना है कि टेस्टिमनी रिकॉर्ड करने और दोबारा पूछताछ से बहुत सी कथित पीड़िताओं ने इनकार कर दिया. उन्होंने इसकी वजह बताने की कोशिश की. कहा कि या तो उनके ऊपर सामाजिक दबाव होगा या फिर संभव है कि उन्हें प्रभावशाली लोगों ने डराया होगा. दबाब की बात एक पुलिस अफसर ने भी मानी थी. 


हालांकि चीन ने दी थी चेतावनी
चीन के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान और चीन के नागरिकों के रिश्ते कराने वाले अवैध संगठनों से होशियार रहने की चेतावनी दी थी. अप्रैल में पाकिस्तानी मीडिया में ऐसी कई खबरें आईं जिनमें कहा गया का पाकिस्तानी लड़कियों को तस्करी करके शादी के लिए चीन ले जाया जा रहा है. रिपोर्टों में इन लड़कियों को वेश्यावृत्ति में धकेले जाने का दावा भी किया गया. इसी बीच, फेडरल इनवेस्टिगेशन एजेंसी की फैसलाबाद ब्रांच ने शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए एक महिला समेत आठ चीनी नागरिकों और उनके चार पाकिस्तानी सहयोगियों को गिरफ्तार किया था. 


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