नई दिल्ली: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को अंतिम विदाई देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में ताइवान के उप राष्ट्रपति की मौजूदगी को लेकर चीन ने औपचारिक रूप से अपना विरोध दर्ज कराया है.


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ताइवान को फिर अपने साथ जोड़ेगा चीन?


चीन ने दावा किया कि अगर जरूरत पड़ी तो वह बल के जोर पर ताइवान को फिर अपने साथ जोड़ेगा. साथ ही उसने ताइवान के स्वतंत्र रूप से राजनीतिक उपस्थिति दर्ज कराने को लेकर भी आपत्ति जतायी.


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मंगलवार को कहा कि ताइवान के अधिकारियों ने राजनीतिक उद्देश्य से इस अवसर का फायदा उठाने की कोशिश की और चीन ने जापान के समक्ष इसकी कड़ी शिकायत दर्ज कराई है.


वांग वेनबिन ने लगाया ये गंभीर आरोप


वांग ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'यह एक राजनीतिक योजना है, जो कभी सफल नहीं हो सकती.' ताइवान के उप राष्ट्रपति ला चिंग-ते ने आबे के तोक्यो स्थित आवास पर उन्हें सोमवार को श्रद्धांजलि दी थी.


आबे, ताइवान के एक बड़े समर्थक थे. गौरतलब है कि चीन, ताइवान को अपना क्षेत्र बताते हुए उस पर दावा करता है. वह लोकतांत्रिक रूप से चुनी गयी ताइवान की सरकार को मान्यता देने से इनकार करता है. ताइवान और चीन 1949 के गृह युद्ध में अलग हो गए थे.


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