नई दिल्लीः एक देश में लोगों की आंखों का रंग बदल रहा है. एक अनोखी बीमारी यहां के लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. इसके चलते लोगों की आंख के कॉर्निया में अल्सर हो रहा है. दर्द महसूस हो रहा है और दृष्टि परिवर्तन की शिकायत हो रही है. ऐसे में लोगों को बाहर सनग्लास पहनने की सलाह दी जा रही है. 


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आंख की पुतली का बदल रहा रंग
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में ऑर्थोपेरस बीटल के कारण कई लोगों की आंख की पुतली का रंग बदल रहा है. यह ऑर्थोपेरस बीटल लोगों की आंखों में ब्लिस्टरिंग एजेंट छोड़ने के लिए जाना जाता है. कॉर्नियल अल्सर नामक इस बीमारी को 'क्रिसमस आई' या 'हार्वेस्टर्स आई' भी कहते हैं. इसमें आंख की कॉर्निया का अल्सरेशन हो जाता है. इससे पीड़ित लोगों की आंखों में काफी दर्द हो रहा है. 


बीमारी के लक्षण स्थायी नहीं हैं
हालांकि, ज्यादातर लोग इससे ठीक हो रहे हैं और इस बीमारी के स्थायी लक्षण नहीं देखे गए हैं. 13 साल की एनाबेले डोनेली मेलबर्न से लगभग 155 मील दूर एक शहर वांगराट्टा के पास एक परिवार के कैंपिंग हॉलिडे के दौरान क्रिसमस आई का शिकार हो गई थी. असहनीय डर के कारण उसे डर लग रहा था कि वह अपनी आंख पूरी तरह से खो देगी. उसे आज भी आंखों की समस्या हो रही है.


विक्टोरिया से बाहर इसके मामले न्यू साउथ वेल्स और गिप्सलैंड में भी सामने आए हैं. हालांकि, क्रिसमस आई के मामले ऑस्ट्रेलिया से बाहर नहीं मिले हैं.


संक्रमितों का बाहर रहने का रहा इतिहास
विक्टोरिया में क्रिसमस आई के मामलों की वृद्धि पर ऑप्टोमेट्रिस्ट (आंख का डॉक्टर) डॉ. रॉब होलोवे ने कहा, 'जिस किसी में लक्षण मिले हैं, उनका बाहर होने का इतिहास रहा है. वे बागवानी करते थे या घास काटते या फूटी ट्रेनिंग के लिए जा रहे थे.'


प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को स्थिति से निपटने के लिए मार्च के अंत तक धूप का चश्मा पहनने की सलाह दी गई है.


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