कोरोना वायरस को लेकर चीन से 9/11 जैसे मुआवज़े की मांग
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से गुहार की गई है और मांग की गई है कि चीन से कोरोना वायरस पर 9/11 हमले के मुताबिक मुआवजा लिया जाना चाहिए..
नई दिल्ली: ये गुहार लगाईं है एक भारतवंशी ने जो अमेरिका में रहते हैं. इन्होने चीन पर अपनी वुहान की एक प्रयोगशाला में आनुवंशिक रूप से कोरोना वायरस को विकसित करने का आरोप लगाया है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से इस वायरस के कारण हजारों लोगों की मौत का मुआवज़ा माँगा है जिसमें अमेरिकी अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान की भरपाई भी शामिल करने का उन्होंने अनुरोध किया.
राष्ट्रपति को लिखा पत्र
अमेरिका में रहने वाले ये अप्रवासी भारतीय हैं इंडो-अमेरिकन अटॉर्नी रवि बत्रा जिन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को एक पत्र लिखा है. अपने पत्र के माध्यम से अटॉर्नी बत्रा ने कहा कि , ''कोरोना वायरस ने दुनियाभर में मौतों का एक सिलसिला चला रखा है और इसमें होने वाली पीड़ा पर्ल हार्बर की घटना से भी ज्यादा डरावनी है."
उन्होंने अपने पत्र में अपील की है कि ''कानून के स्थापित नियम कहते हैं कि चीन इस वैश्विक महामारी पैदा करने की दिशा में लापरवाही बरतने का अपराधी है और इस कारण इस महामारी की चपेट में 20 लाख से ज्यादा लोग आए हैं और सवा लाख से ज्यादा लोग कोरोना मौतों के शिकार हुए हैं और उनके परिवार तबाह हो गए हैं.''
मुआवज़ा तो देना ही चाहिए
अमेरिकन अटॉर्नी रवि बत्रा राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में कोरोना को लेकर चीन पर हमलावर हुए हैं. उन्होंने कहा कि चीन को चाहिए कि इस भयानक लापरवाही का ज़िम्मेदार होने के नाते उसे कम से कम हमें मुआवजा तो देना ही चाहिए और ये मुआवज़ा 9/11 के हमारे अमरीकी मानकों के अनुरूप होना चाहिए, मैं इसकी सिफारिश करता हूं. कोरोना वायरस से संक्रमित प्रत्येक अमेरिकी के लिए 10 लाख डॉलर और कोरोना से मरने वाले हर अमेरिकी के लिए 50 लाख डॉलर दिए जाने चाहिए. इसी तरह तथा अपने घरों में कैद हर अमेरिकी को भी एक लाख डॉलर से कम नहीं मिलने चाहिए.
चीन ने वायरस के स्रोत को भी छुपाया
अमेरिका में रहने वाले इस भारतीय वकील रवि बत्रा ने चीन पर कोरोना वायरस के मूल स्रोत को छिपाने का भी आरोप लगाया जो कि सारी दुनिया ने चीन पर लगा है और चीन से अब तक इसका कोई जवाब नहीं आया है.
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