Explainer: आपदा या अवसर... क्या कमला हैरिस कर पाएंगी डोनाल्ड ट्रंप का मुकाबला?
Kamala Harris and Donald Trump: राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कमला हैरिस को समर्थन दे दिया है. पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अब मुकाबला और आसान हो गया है. लेकिन सर्वे कहते हैं कि ट्रंप और हैरिस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है.
नई दिल्ली: Kamala Harris and Donald Trump: 'जो बाइडेन की तुलना में कमला हैरिस को हराना आसान होगा.' - ये बात अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कही है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्रपति चुनाव से खुद को अलग करने का फैसला किया है. उन्होंने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को समर्थन दे दिया है. भारतीय-अफ्रीकी मूल की कमला हैरिस को ट्रंप ने बाइडेन से भी कमजोर उम्मीदवार माना है. लेकिन क्या सचुमुच ऐसा है? क्या कमला हैरिस ट्रंप के सामने कमजोर हैं? आइए, जानते हैं...
कमला हैरिस की टीम हुई सक्रिय
कमला हैरिस को जैसे ही राष्ट्रपति जो बाइडेन का समर्थन मिला, तो उनकी टीम आगे की रणनीति बनाने में जुट गई. कैंपेन का नाम 'हैरिस फॉर प्रेसिडेंट' रखा गया है. बाइडेन की नाम वापसी के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के फंडरेजिंग प्लेटफॉर्म एक्टब्लू को 5 घंटे के भीतर 27.5 मिलियन डॉलर यानी 230 करोड़ रुपये का फंड मिल गया है.
बाइडेन के मुकाबले ज्यादा पॉपुलर
सबसे पहले तो ये जान लें कि कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी के वोटर्स में राष्ट्रपति जो बाइडेन के मुकाबले अधिक पॉपुलर हैं. पी-एनओआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स रिसर्च का एक सर्वे बताता है कि 10 में से 6 डेमोक्रेटिक नेता मानते हैं कि हैरिस राष्ट्रपति पद के लिए सुयोग्य उम्मीदवार हैं. इस लिहाज से वे बाइडेन से भी अधिक स्वीकार्य कैंडिडेट मानी जा सकती हैं .इसी महीने वाशिंगटन पोस्ट-एबीसी न्यूज-इप्सोस के सर्वेक्षण में 70 % डेमोक्रेट और डेमोक्रेटिक-झुकाव वाले निर्दलीय उम्मीदवारों ने कहा कि यदि बाइडेन उम्मीदवारी छोड़ दें और हैरिस को डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बनया जाता है, वे 'संतुष्ट' होंगे.
ट्रंप को बदलना पड़ेगा कैंपेन प्लॉट
रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप मानें या न मानें, लेकिन कमला हैरिस उनके लिए बड़ी चुनौती बन सकती हैं. यदि हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी अपना प्रत्याशी बना देती है तो ट्रंप को अपना पूरा कैंपेन प्लॉट बदलना पड़ेगा. फिलहाल उनका चुनाव प्रचार एक व्यक्ति (जो बाइडेन) को टारगेट कर रहा है. बाइडेन की मानसिक हालत से लेकर उनकी उम्र तक पर टिप्पणी की जा रही है. लेकिन 59 वर्षीय हैरिस पर व्यक्तिगत हमले करना आसान नहीं होगा. उनका विवादों से खास नाता नहीं रहा. अब ट्रंप को अपनी प्रचार की रणनीति को 180 डिग्री बदलना होगा.
सर्वे- ट्रंप और हैरिस के बीच कड़ा मुकाबला
जुलाई की शुरुआत में ही इप्सोस का एक सर्वेक्षण जारी हुआ. यह सर्वे हैरिस और ट्रंप के बीच होने वाले संभावित मुकाबले को लेकर किया गया था. करीब 42% लोगों ने माना था कि कमला हैरिस मजबूत हैं. जबकि 43% ने ट्रंप को ताकतवर बताया. NPR/PBS NewsHour/Marist के एक सर्वे में कमला हैरिस को ट्रंप के मुकाबले अधिक मजबूत बताया गया है. वे ट्रंप से 1% आगे हैं. 27 जून को हुई डिबेट के बाद अलग-अलग समय पर किए गए सर्वे में कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप की रेटिंग कुछ यूं है.
सर्वे का नाम | कमला हैरिस | डोनाल्ड ट्रंप |
CBS-YouGov | 48 | 51 |
Reuters-Ipsos | 44 | 44 |
NPR/PBS NewsHour/Marist | 50 | 49 |
Fox News | 48 | 49 |
Post-ABC-Ipsos | 49 | 47 |
इन सर्वे को देखकर ये कतई नहीं कहा जा सकता कि ट्रंप की राह आसान हुई है. उल्टा उनकी राह पहले से मुश्किल हुई है. डेमोक्रेट्स में एक नया जोश देखने को मिल सकता है. ट्रंप की पर्सनल लाइफ विवादों से भरी है. दूसरी ओर, कमला हैरिस को उनकी नीतियों या उपराष्ट्रपति रहने के दौरान लिए गए फैसलों पर टारगेट किया जा सकता है.
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