Blue Zone: दुनिया की इन पांच जगहों पर 100 साल तक जीना आम, जानिए क्या है इनकी लंबी उम्र का राज
भारत में औसत उम्र 69.7 वर्ष है. शहरी भारतीयों की औसत उम्र करीब 70 साल है, जबकि गांव में औसत आयु 68 साल है. लेकिन, दुनिया में पांच जगहें ऐसी हैं, जहां लोग आमतौर पर 100 से 110 साल तक जीते हैं. जिन इलाकों में ये लोग रहते हैं इन्हें ब्लू जोन कहा जाता है. कहा जाता है कि जब वैज्ञानिक इस बारे में रिसर्च कर रहे थे तो उन्होंने ब्लू पेन से मैप पर इन इलाकों पर निशान लगाया, इसलिए ये ब्लू जोन कहलाते हैं. यहां के लोग पावर 9 की मदद से इतना लंबा जीते हैं.
नई दिल्लीः भारत में औसत उम्र 69.7 वर्ष है. शहरी भारतीयों की औसत उम्र करीब 70 साल है, जबकि गांव में औसत आयु 68 साल है. लेकिन, दुनिया में पांच जगहें ऐसी हैं, जहां लोग आमतौर पर 100 से 110 साल तक जीते हैं. जिन इलाकों में ये लोग रहते हैं इन्हें ब्लू जोन कहा जाता है. कहा जाता है कि जब वैज्ञानिक इस बारे में रिसर्च कर रहे थे तो उन्होंने ब्लू पेन से मैप पर इन इलाकों पर निशान लगाया, इसलिए ये ब्लू जोन कहलाते हैं. यहां के लोग पावर 9 की मदद से इतना लंबा जीते हैं.
ब्लू जोन कहां-कहां स्थित हैं
साल 2004 में मेडिकल जर्नल एक्सपेरिमेंटल जेरेंटोलॉजी में ब्लू जोन के बारे में सबसे पहले जानकारी दी गई थी. ये पांच इलाके हैं. इनमें अमेरिका का कैलिफोर्निया का लोमा लिंडा, ग्रीस का इकेरिया, इटली का सारडीनिया, कोस्टा रिका का निकोया और जापान का ओकिनावा शामिल है.
क्या है पावर 9 जिसकी बदौलत लंबी जिंदगी जीते हैं ये लोग
यहां के लोगों के बारे में कहा जाता है कि ये लोग स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हैं. बीमारी इनसे दूर रहती है. डैन ब्यूटनर व उनकी टीम ने इन इलाकों की 9 ऐसी चीजें पता लगाईं, जिनकी वजह से ये लंबा जीते हैं.
1. पैदल चलना
यहां के लोग अपना काम खुद करते हैं. अपने घर, बगीचे की सफाई खुद से करते हैं. कई किमी चलते हैं. इससे उनका शरीर मजबूत होता है.
2. जीने का उद्देश्य क्या है
ब्लू जोन के लोग सुबह उठकर सर्वप्रथम ये सोचते हैं कि उनकी जिंदगी का उद्देश्य क्या है. इन लोगों का मानना है कि अगर यह पता चल जाए कि जीने का उद्देश्य क्या है तो यह सात साल ज्यादा जीने के बराबर है.
3. चिंता नहीं करना
ये लोग चिंता से दूर रहने की कोशिश करते हैं. तनाव, चिंता होने पर वे प्रार्थना करते हैं. पूर्वजों का स्मरण करते हैं. थोड़ी देर आंख बंद कर फिर से मस्तमौला हो जाते हैं.
4. 80 फीसदी पेट भरते हैं
ब्लू जोन के लोग भरपेट नहीं खाते हैं. वे अपनी भूखा का 80 फीसदी खाते हैं. शाम को हल्का भोजन करते हैं. इससे उन्हें आलस नहीं होता. पाचन मजबूत रहता है.
5. तले-भुने भोजन से दूरी
ये लोग साबुत अनाज, बीन्स, दाल आदि पौष्टिक भोजन खाते हैं. वे प्राकृतिक भोजन को तरजीह देते हैं. हालांकि, वे महीने में 5 बार पोर्क भी खाते हैं, लेकिन बहुत ही कम.
6. सीमित मात्रा में करते हैं अल्कोहॉल का सेवन
लोमा लिंडा के एडवेंटिस्ट के अलावा बाकी चार ब्लू जोन के लोग शाम 5 बजे अल्कोहॉल, वाइन पीते हैं. पर एक या दो पैग ही. वे मानते हैं कि रोज एक-आध पैग अल्कोहॉल का सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है.
7. आध्यात्मिक जुड़ाव
ब्लू जोन के ज्यादातर लोग किसी न किसी कम्युनिटी में भरोसा करते हैं. वे माह में 4 बार अपने संप्रदाय से जुड़े कार्यक्रम में जाते हैं. इससे जीवन प्रत्याशा 14 साल तक बढ़ती है.
8. संयुक्त परिवार में भरोसा
यहां पूरा परिवार साथ में रहता है. ये संयुक्त परिवार में भरोसा करते हैं. एक-दूसरे का साथ देते हैं. बुजुर्ग बच्चों के साथ खेलते हैं. मानसिक, शारीरिक व भावनात्मक हर तरह का समर्थन करते हैं.
9. सामाजिक जुड़ाव
ब्लू जोन के लोग अपने सोशल नेटवर्क को मजबूत करते हैं. जापान के ओकिनावा के लोग मोआइस (पांच दोस्तों का समूह) बनाते हैं. ये हमेशा एक-दूसरे का साथ देते हैं. ब्लू जोन के लोग सुख हो या दुख अपने दोस्तों के साथ हमेशा बांटते हैं.
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