नई दिल्लीः भारत रूस से जो कच्चा तेल खरीद रहा है, वह दोनों देशों की सरकारों के बीच हुए किसी समझौते के तहत नहीं है और देश की ऊर्जा सुरक्षा आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारतीय इकाइयां बाजार से यह खरीद कर रही हैं. विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. 


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रूसी तेल की कीमत तय करने के प्रस्ताव पर नहीं की टिप्पणी
विदेश सचिव क्वात्रा ने रूस के तेल की कीमत तय करने के प्रस्ताव पर कोई टिप्पणी नहीं की. जी-7 समूह के सदस्य देशों की ओर से तेल से मास्को को हो रही आमदनी को रोकने के लिए यह पहल की गई थी. 


ऐसी खबरें हैं कि जी-7 समूह के सदस्य देश रूस के तेल की कीमत पर लगाम लगाने के लिए भारत से समर्थन की मांग कर रहे हैं. 


पीएम मोदी की यात्रा की जानकारी देने के दौरान की टिप्पणी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान गए हैं और इस पर मीडिया को जानकारी देने के दौरान क्वात्रा ने यह कहा. मोदी, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे. 


पिछले कुछ महीने में भारत की ओर से कम कीमत पर रूस से तेल की खरीद में वृद्धि हुई है. हालांकि, इस पर पश्चिमी देशों ने आपत्ति जताई है. 


जी-7 का सदस्य नहीं है भारत
क्वात्रा ने कहा, 'भारत जी-7 का सदस्य नहीं है. कम कीमत, बाजार का भाव… देखिये. हमने कई बार कहा है कि जब भारतीय इकाइयां बाहर जाती हैं और देश की ऊर्जा सुरक्षा को देखते हुए तेल खरीदती हैं तो वे मुख्य रूप से बाजार से खरीद कर रही होती हैं.' 


उन्होंने कहा, 'ये दोनों सरकारों के बीच हुई खरीद नहीं है. जहां तक कीमतें तय करने की बात है, यह मुद्दा क्या स्वरूप लेता है इसका जवाब वह देश बेहतर ढंग से दे सकते हैं, जिन्होंने यह विचार रखा.'


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