चीन के दूसरे नंबर के नेता जिन्हें शी जिनपिंग ने लगाया था ठिकाने, हुई मौत
चीन के पूर्व प्रधानमंत्री ली केकियांग (68) का शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. लगभग एक दशक (2013-23) तक चीन के दूसरे नंबर के नेता रहे ली को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अक्टूबर 2022 में किनारे लगा लिया था. ली को 70 वर्ष की अनौपचारिक सेवानिवृत्ति आयु से दो साल पहले ही अक्टूबर 2022 में पार्टी की स्थायी समिति से हटा दिया गया था.
नई दिल्लीः चीन के पूर्व प्रधानमंत्री ली केकियांग (68) का शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. लगभग एक दशक (2013-23) तक चीन के दूसरे नंबर के नेता रहे ली को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अक्टूबर 2022 में किनारे लगा लिया था. ली को 70 वर्ष की अनौपचारिक सेवानिवृत्ति आयु से दो साल पहले ही अक्टूबर 2022 में पार्टी की स्थायी समिति से हटा दिया गया था.
तीसरी बार खुद को घोषित किया था पार्टी का नेता
उसी दिन शी ने तीसरी बार पांच साल के कार्यकाल के लिए खुद को पार्टी का नेता घोषित किया था जो उस परंपरा के खिलाफ था जिसके तहत उनके पूर्ववर्ती 10 साल बाद सत्ता से हट गए थे. इसके बाद सरकार में दूसरे नंबर का पद ली छ्यांग को दिया गया.
ली केकियांग के पास बचे थे बहुत कम अधिकार
ली केकियांग निजी व्यवसाय के पैरोकार थे लेकिन शी जिनपिंग को खुद को देश का सबसे शक्तिशाली नेता स्थापित करने और अर्थव्यवस्था तथा समाज पर अपनी पकड़ मजबूत करने के बाद उनके पास बहुत कम अधिकार बचे थे.
ली को माना जाता था हू जिंताओ का उत्तराधिकारी
चीन के सरकारी प्रसारणकर्ता 'सीसीटीवी' ने बताया कि ली हाल में शंघाई में रह रहे थे तथा उन्हें बृहस्पतिवार को दिल का दौरा पड़ा. उनका देर रात 12 बजकर 10 मिनट पर निधन हो गया. अंग्रेजी भाषी अर्थशास्त्री ली को 2013 में कम्युनिस्ट पार्टी के तत्कालीन नेता हू जिंताओ का उत्तराधिकारी माना जाता था लेकिन सत्ता शी के हाथ में चली गई थी.
ली की आर्थिक नीतियों के उलट आगे बढ़े थे शी
हू के सर्वसम्मति बनाकर चलने की नीति को पलटते हुए शी ने शक्तियों पर अपनी पकड़ बना ली, जिससे ली और पार्टी की सत्तारूढ़ सात सदस्यीय स्थायी समिति के अन्य सदस्यों के पास बहुत कम शक्तियां बचीं. शीर्ष आर्थिक अधिकारी होने के नाते ली ने उद्यमियों के लिए स्थितियां सुगम बनाने का वादा किया. लेकिन शी के नेतृत्व में सत्तारूढ़ पार्टी ने सरकारी उद्योग के प्रभुत्व को बढ़ाया और प्रौद्योगिकी तथा अन्य उद्योगों पर नियंत्रण कड़ा कर दिया.
ली का एक जुलाई 1955 को पूर्वी अन्हुई प्रांत में जन्म हुआ था. उन्होंने पेकिंग विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की और वह युवावस्था में ही राजनीति में आ गए थे.
यह भी पढ़िएः 'India के इस प्रोजेक्ट के कारण हुआ Israel पर हमला', अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने खोले सारे राज
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.