Pope Benedict XVI ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर क्या टिप्पणी की थी, जिससे मुसलमान हो गए थे गुस्सा
Pope Benedict XVI: पोप एमेरिटस बेनेडिक्ट 16वें का शनिवार को 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. पोप बेनेडिक्ट पहले ऐसे कैथोलिक धर्मगुरु थे जिन्होंने पद पर रहते हुए इस्तीफा दिया था. इसको लेकर उनकी सराहना भी होती है, लेकिन उनसे जुड़े कुछ विवाद भी हैं.
नई दिल्लीः Pope Benedict XVI: पोप एमेरिटस बेनेडिक्ट 16वें का शनिवार को 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. गुरुवार को सेंट पीटर्स स्क्वायर में विशेष प्रार्थना सभा होगी. इसमें मौजूदा पोप पूर्व पोप की अंत्येष्टि पर प्रार्थना सभा में हिस्सा लेंगे. पोप बेनेडिक्ट पहले ऐसे कैथोलिक धर्मगुरु थे जिन्होंने पद पर रहते हुए इस्तीफा दिया था. इसको लेकर उनकी सराहना भी होती है, लेकिन उनसे जुड़े कुछ विवाद भी हैं.
एक टिप्पणी से मुसलमान हो गए थे नाराज
पोप बेनेडिक्ट ने अमेरिका पर 11 सितंबर को आतंकी हमला होने के पांच साल बाद सितंबर 2006 में एक भाषण से मुसलमानों को नाराज कर दिया, जिसमें उन्होंने बैजेंटाइन साम्राज्य के एक शासक को उद्धृत किया था, जिन्होंने पैगंबर मुहम्मद की कुछ शिक्षाओं को ‘अमानवीय’ बताया था. यह टिप्पणी विशेष रूप से तलवार के जरिये धर्म का प्रसार करने के बारे में की गई थी.
कार्यकाल पर यौन शोषण कांड की पड़ी छाया
उनके कार्यकाल पर साल 2010 में विश्व स्तर पर सामने आए यौन शोषण कांड की छाया पड़ी थी. दस्तावेजों में यह खुलासा हुआ कि वेटिकन इस समस्या से बखूबी अवगत था, फिर भी वर्षों तक आंखें मूंदे रहा. वहीं, सही काम करने वाले बिशप को बार-बार फटकार लगाई.
बेनेडिक्ट को इस समस्या की प्रत्यक्ष रूप से जानकारी थी, क्योंकि उनका पुराना कार्यालय - द कोंग्रेगेशन फॉर द डॉक्ट्रिन ऑफ द फेथ- यौन शोषण के मामलों से निपटने के लिए जिम्मेदार था. वह इस कार्यालय के 1982 से प्रमुख थे.
पोप ने पादरियों से जुड़े मामले में मांगी थी माफी
सेवानिवृत्ति के समय एक स्वतंत्र रिपोर्ट में बेनेडिक्ट को उस फैसले के लिए गलत ठहराया गया, जो उन्होंने म्यूनिख में बिशप रहने के दौरान चार पादरियों से जुड़े मामले पर दिया था. हालांकि, उन्होंने व्यक्तिगत रूप से कुछ गलत करने से इनकार किया था, लेकिन किसी भारी भूल के लिए माफी मांगी.
अक्टूबर 2012 में, बेनेडिक्ट के पूर्व खानसामे पावलो गैब्रियेले को चोरी के मामले में दोषी करार दिया गया. दरअसल वेटिकन पुलिस ने उसके अपार्टमेंट में कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज पाए थे.
बचपन में नाजी युवा अभियान का सदस्य बनना पड़ा था
बेनेडिक्ट का जन्म 16 अप्रैल 1927 में बावरिया में हुआ था. उन्होंने अपने संस्मरण में लिखा है कि जब वह 14 वर्ष के थे, तब उनकी मर्जी के खिलाफ उन्हें नाजी युवा अभियान का सदस्य बना दिया गया था. यह सदस्यता अनिवार्य थी. उन्होंने अप्रैल 1945 में जर्मन सेना छोड़ दी थी.
(इनपुटः AP/भाषा)
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