नई दिल्ली: दुनियाभर में जिस तरह आतंकवाद का प्रतीक पाकिस्तान बन चुका है ठीक वैसे दुनियाभर में अशान्ति और उथलपुथल का प्रतीक चीन बन चुका है. G-4 देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की मांग कर रहे हैं. जी-4 के चारों ही देश चाहते हैं कि यूएनएससी (United Nations Security Council -UNSC) में स्थाई सदस्यों की संख्या बढ़े और उन्हें भी उसमें जगह मिले. ये चार देश हैं भारत, जर्मनी, जापान और ब्राजील.


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चीन पर बरसे ये सभी देश


जी-4 देशों की तरफ से लिखे गए पत्र को भारत के स्थाई डिप्टी रिप्रजेंटेटिव नागराज नायडू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष को सौंपा. इस समय संयुक्त राष्ट्र महासभा(United Nations General assembly -UNGA) के अध्यक्ष तिज्जानी मुहम्मद-बंदे (Tijjani Muhammad-Bande) हैं. पत्र में सीधे तौर पर चीन का नाम लिए बिना उसपर हमला बोला गया है.


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चीन डाल रहा है अड़चन


पत्र में चारों देशों की ओर से चीन पर हमला बोला गया है. पत्र में लिखा है कि दशक भर से यूएसएसी में बदलाव की कोशिशें कागजों पर चल रही है, लेकिन कुछ देश जो इसके खिलाफ हैं, वो इन बदलावों को नहीं देखना चाहते.


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विस्तार से इस बात को समझाते हुए पक्ष में लिखा है कि ये विषयतय किया जाना चाहिए कि अंतर-सहकारिता बातचीत (Inter-governmental negotiations -IGN) लंबे समय तक न अटके क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इसे जो अटकाना चाहते हैं, वो ऐसा ही करते रहे तो हमें इसमें बदलाव के लिए आईजीएन से अलग रास्ते अपनाने पड़ेंगे.