कोलंबो: श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे शुक्रवार को थाईलैंड से कोलंबो वापस लौटे और इस मौके पर भंडारनायके हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया गया. 


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भारी विरोध-प्रदर्शन के बीच देश छोड़कर भागे थे राजपक्षे


देश में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के कारण उनके इस्तीफा की मांग को लेकर महीनों से चले विरोध-प्रदर्शन के बीच राजपक्षे विदेश भाग गए थे. वह 51 दिन तक देश से बाहर थे. राजपक्षे कड़ी सुरक्षा के बीच बैंकाक से सिंगापुर होते हुए कोलंबो पहुंचे. हवाई अड्डे पर पार्टी के नेताओं और मंत्रियों ने फूल देकर उनका स्वागत किया. हवाई अड्डे के ड्यूटी प्रबंधक ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति शुक्रवार रात साढ़े ग्यारह बजे सिंगापुर एयरलाइन की उड़ान से यहां पहुंचे. 


सत्तारूढ़ दल श्रीलंका पोदुजना पेरमुना (एसएलपीपी) के सांसदों की अगवानी में राजपक्षे (73) भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हवाई अड्डे से कारों के काफिले में निकल गए. 


राजपक्षे की राजनीति में वापसी को लेकर पार्टी नेतोओं में मतभेद


एसएलपीपी के एक सूत्र ने ‘इकोनॉमी नेक्स्ट’ वेबसाइट को बताया, “पार्टी के कई लोग उन्हें राजनीति में फिर से देखना चाहते हैं, लेकिन वह अब राजनीतिक जीवन में सक्रिय नहीं होंगे.” 


खबर के अनुसार, सूत्र ने हालांकि कहा, “पार्टी के कई कोर सदस्य राष्ट्रीय सूची का इस्तेमाल कर पूर्व राष्ट्रपति के संसद में आने के खिलाफ हैं. वे उन्हें फिर से नेतृत्व करते हुए नहीं देखना चाहते हैं. हालांकि, राजपक्षे ने कोई अपराध नहीं किया है. इसलिए उनके पास देश लौटने और पूर्व राष्ट्रपति के सभी लाभ उठाने का पूरा अधिकार है.” 


राजपक्षे की सुरक्षा के लिए किए गए कड़े बंदोबस्त


राजपक्षे को विशेष सुरक्षा दी गई है. वह, उनकी पत्नी और दो अंगरक्षक 13 जुलाई को वायु सेना के विमान से मालदीव के लिए रवाना हो गए थे. इसके बाद वे सिंगापुर गए और एक दिन बाद पद से इस्तीफा दे दिया. दो सप्ताह बाद राजपक्षे थाईलैंड चले गए थे, जहां वह अस्थायी वीजा पर रह रहे थे. 


एक अखबार की खबर के मुताबिक, राजपक्षे कोलंबो में विजेरामा मवाथा के पास सरकारी बंगले में रहेंगे और उनके लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जाएंगे.


श्रीलंका में पेश किया गया अंतरिम बजट


श्रीलंका की संसद ने शुक्रवार को वर्ष 2022 के लिए अंतरिम बजट पारित कर दिया. एक दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने सबसे बुरे आर्थिक संकट से उबरने में मदद पहुंचाने के लिए श्रीलंका को 2.9 अरब डॉलर का ऋण देने का ऐलान किया था. इस बजट के विरोध में महज पांच मत पड़े. जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के तीन और ऑल सिलोन तमिल कांग्रेस के दो सांसदों ने अंतरिम बजट के खिलाफ मतदान किया. 


देश की 225 सदस्यीय संसद में 115 सदस्यों ने अंतरिम बजट के पक्ष में वोट डाला जबकि मुख्य विपक्षी दली एसजेबी मतदान से अनुपस्थित रहा. यह बजट राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने पेश किया था जो वित्त मंत्री भी हैं. अंतरिम बजट में आयकर, मूल्य वर्धित कर, दूरसंचार लेवी से जुड़े कई सुधार प्रस्तावित किये गये हैं. 


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