नई दिल्ली: Bangladeshi Hindu Population: बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के बीच हिंदू इलाकों और मंदिरों को टारगेट किया जा रहा है. कई स्थानों से हिंदुओं के साथ मारपीट करनी की खबरें भी आई हैं. आरक्षण विरोधी प्रदर्शन पहले सत्ता विरोधी बना, फिर हिंदू विरोधी बनता जा रहा है. यहां पर हिंदुओं की आबादी लगातार घटती जा रही है. भारत के नेता भी कई बार ये दावा कर चुके हैं कि बांग्लादेश में हिंदू आबादी खतरे में है. हाल ही में पश्चिम बंगाल में भाजपा के नेता सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया कि बांग्लादेश से 1 करोड़ हिंदू भारत आने वाले हैं. आइए, जानते हैं कि बांग्लादेश बनने के बाद हिंदुओं की संख्या कैसे कम होती जा रही है?


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सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
सोशल मीडिया पर कई लोग बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार से जुड़े वीडियो साझा किए जा रहे हैं. हालांकि, Zee Bharat इन वीडियोज की पुष्टि नहीं करता. एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर #AllEyesOnBangladeshiHindus हैशटैग चलाया जा रहा है.



हिंदुओं पर हुए अत्याचार
बांग्लादेश के प्रमुख अधिकार संगठन की रिपोर्ट में माना गया है कि साल 2016 में जनवरी से जून के बीच हिंदुओं को टारगेट किया गया. 66 घर जलाए गए, 24 लोग घायल हुए और 49 मंदिरों को खंडित किया गया. यह तो ताजा उदाहरण है. इससे पहले 1990 में अयोध्या में विवादित ढांचा गिरा, तब भी चटगांव और ढाका के कई हिंदू मंदिरों में आग लगाई गई थी.


हिंदुओं की आबादी इतने प्रतिशत घटी
बांग्लादेशी न्यूज वेबसाईट डेली स्टार की एक रिपोर्ट बताती है कि बांग्लादेश में साल 2022 में कुल आबादी 16.5 करोड़ के आसपास थी. इसमें 7.95% हिंदू हैं. यानी डेढ़ करोड़ के करीब हिंदू बांग्लादेश में बचे हैं. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, 8.54% हिंदू थे. बांग्लादेश को 1971 में आजादी मिली, तब यहां पर 23% हिंदू हुआ करते थे. हर साल 2.3 लाख हिंदू बांग्लादेश में छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं. 


1951 में थे 22% हिंदू, 1991 में 15% बचे
1951 की आधिकारिक जनगणना में हिंदू बांग्लादेश (तब पूर्वी पाकिस्तान) की कुल आबादी के 22% हुआ करते थे. ये संख्या 1991 में 15% ही बची. हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन की रिपोर्ट कहती है कि 1964 से 2013 के बीच 1.1 करोड़ हिंदू धार्मिक उत्पीड़न के चलते देश छोड़कर चले गए थे. 2000 से 2010 के बीच बांग्लादेश में 10 लाख हिंदू कम हुए.


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