हेरात: अफगानिस्तान में आर्थिक हालात इतने खराब हो चुके हैं कि लोग दो जून की रोटी के लिए तरस रहे हैं. अफगानिस्तान के हर इलाके में भुखमरी और गरीबी का दानव मुंह फैलाये खड़ा है. लोग अपने परिवार का पेट भरने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं. हालत यहां तक पहुंच गई है कि पश्चिम अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में एक व्यक्ति ने अपनी 10 वर्षीय बेटी को अपनी पत्नी को बताए बिना शादी के लिए बेच दिया, ताकि अपने बाकी बच्चों को जीवित रख सके और उनका पेट भर सके.


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खाना परोसने के बदले मिल रहा खाना
हताश पिता ने उस परिवार से डाउन पेमेंट लिया, जिसने उसकी बेटी को टेबल पर खाना परोसने के लिए खरीदा था. नाबालिग लड़की की मां अजीजागुल ने कहा, "मैंने अपने पति से खाना लाने के लिए कहा, क्योंकि मेरे पास पांच बच्चों को खिलाने के लिए कुछ नहीं था. वह नियमित रूप से खाना लाता था. जब मैंने उससे पूछा कि वह खाना कहां से लाया है, तो उसने जवाब दिया कि एक परिवार हमारी 10 साल की बेटी के बदले में उसे रोजाना खाना दे रहा है." यह जानकारी एक न्यूज एजेंसी ने दी.


विदेशी सहायता बंद होने से कई लोग बेरोजगार 
हाल के दिनों में अफगानिस्तान में बहुत से निराश्रित परिवार संघर्षों के कारण विस्थापित हो गए हैं और विदेशी सहायता बंद होने के बाद बेरोजगार हो गए हैं. उन्होंने अपने परिवार खातिर भोजन का खर्च जुटाने के लिए हताशा में ऐसे निर्णय लिए हैं. 


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तरी बदख्शां प्रांत के निवासियों ने 31 दिसंबर को एक अन्य व्यक्ति को परिवार की भूख मिटाने के लिए उसके दो बच्चों को बेचने से रोक दिया.


बता दें कि अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के बाद देश की सत्ता में तालिबान का कब्जा हो गया है. सत्ता संभालने में तालिबान की अक्षमता और कुप्रबंधन का परिणाम है कि अफगानिस्तान के हालात बेहद नाजुक हैं. वह बहुत बड़ी भुखमरी से जूझ रहा है.


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