अगर फेल हुआ एलन मस्क का ड्रीम प्लान तो एक-दूसरे को खाने लगेंगे इंसान
एडिनबर्ग विश्वविद्यालय में एस्ट्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर चार्ल्स कॉकेल ने कहा: `यहां तक कि सबसे अच्छी तकनीक के साथ, अलग-थलग पड़ने पर मानव समुदाय बहुत जल्दी खत्म होने लगते हैं.
लंदन: कई देश, उनकी स्पेस एजेंसी और एलन मस्क जैसे बड़े उद्योगपति मंगल-चांद पर यान भेजने और वहां कॉलोनी बनाकर बसने की योजनाएं बना रहे हैं. पर वैज्ञानिकों की नई चेतावनी उनकी चुनौतियां बढ़ा सकती हैं. अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि मंगल ग्रह तक यात्रा करने से इंसान की उम्र तेजी से बढ़ेगी. वह बूढ़े हो सकते हैं.
वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि मंगल पर कृषि प्रणाली विफल हो जाती है तो हालात और ज्यादा बिगड़ जाएंगे. यहां तक कि ऐसी स्थिति बन सकती है कि इंसान कैनिबल (नरभक्षी) बन सकता है. यानी मंगल ग्रह पर इंसान एक दूसरे को खाने लगेंगे. सब कुछ अराजक हो जाएगा. यह स्थिति तब बनेगी, यदि उनके पास भोजन समाप्त हो जाता है और उन्हें पृथ्वी से नियमित आपूर्ति नहीं मिलती है. आपको बता दें कि एलोन मस्क का स्पेसएक्स 2026 की शुरुआत में मंगल ग्रह पर इंसानों को भेजने की योजना बना रहा है.
प्रोफेसर चार्ल्स कॉकेल ने दी चेतावनी
एडिनबर्ग विश्वविद्यालय में एस्ट्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर चार्ल्स कॉकेल ने कहा: "यहां तक कि सबसे अच्छी तकनीक के साथ, अलग-थलग पड़ने पर मानव समुदाय बहुत जल्दी खत्म होने लगते हैं. "यदि आप कैलिस्टो (बृहस्पति का चंद्रमा) पर लोगों का एक समूह भेजते हैं, और चीजें गलत होने लगती हैं और पौधे का विकास मॉड्यूल टूट जाता हैं, तो जीवित रहने का कोई दूसरा रास्ता नहीं होगा. लोग एक-दूसरे को खाने लगेंगे.
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सुझाव- पहले चुनौतियों से निपट लें, फिर बनाएं मानव बस्ती
वैज्ञानिकों के अनुसार अगर लाल ग्रह पर उपनिवेश स्थापित करने का प्रयास करते हैं तो कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, रोग, खाद्य स्थिरता और आत्मनिर्भरता कुछ सबसे बड़े कारक हैं जिनसे निपटने की आवश्यकता है. इससे पहले कि मनुष्य मंगल पर सफलतापूर्वक उपनिवेश बना ले, इन चीजों पर काम करना होगा.
पोर्टलैंड स्टेट यूनिवर्सिटी के मानवविज्ञानी डॉ कैमरन स्मिथ ने कहा कि उपनिवेश से पहले उचित खेती और खाद्य स्थिरता के तरीकों को लागू किया जाना चाहिए. धरती के करीब की कालोनियों मंगल या हमारे चंद्रमा का परीक्षण पहले किया जाना चाहिए क्योंकि पृथ्वी से आपूर्ति प्राप्त करना आसान होगा. जीवित रहने के तरीके का ठीक से परीक्षण करने के बाद, मनुष्य 30 या 40 वर्षों में मंगल ग्रह का उपनिवेश बना सकता है, और उसके बाद 100 वर्षों में कैलिस्टो पर. वहीं वैज्ञानिक अंतरिक्ष में उम्र बढ़ने का पहला अध्ययन फरवरी में शुरू करेंगे.
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