नई दिल्लीः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कहा कि उनके पास इस बारे में विश्वसीय सूचना है कि उनकी जान को खतरा है. हालांकि, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वह भयभीत नहीं हैं और एक स्वतंत्र एवं लोकतांत्रिक पाकिस्तान के लिए अपनी जंग जारी रखेंगे.


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'सेना ने मुझे दिए हैं तीन विकल्प'
रविवार को संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाले मतदान से पहले खान ने एआरवाई न्यूज से कहा कि ताकतवर सेना ने उन्हें तीन विकल्प दिए हैं- अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान का सामना करने, समय से पहले चुनाव कराने या प्रधानमंत्री के तौर पर इस्तीफा दे देने. उन्होंने कहा कि न सिर्फ उनकी जान खतरे में है, बल्कि विदेशी हाथों की कठपुतली बना विपक्ष उनका चरित्र हनन भी करेगा. 


क्रिकेटर से राजनेता बने खान (69) ने कहा, ‘मैं अपने राष्ट्र को यह बताना चाहता हूं कि मेरी जान को भी खतरा है, उन्होंने (विपक्ष ने) मेरा चरित्र हनन करने की भी साजिश रची है. न सिर्फ मेरा, बल्कि मेरी पत्नी का भी.’ यह पूछे जाने पर कि विपक्ष ने उन्हें क्या विकल्प दिये हैं, प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि उन्हें विपक्षी नेता शहबाज शरीफ जैसे लोगों से बात करनी चाहिए. 


उन्होंने कहा, ‘यदि हम बच गए (अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान में), तो हम इन दल-बदलुओं के साथ काम नहीं करेंगे (जो उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ को छोड़ कर विपक्षी खेमे में जा मिले हैं).’


'समय से पहले चुनाव कराना बेहतर'
खान ने कहा कि समय से पहले चुनाव कराना बेहतर विकल्प है, ‘मैं अपने राष्ट्र से अनुरोध करूंगा कि मुझे एक साधारण बहुमत दें ताकि मुझे समझौते नहीं करने पड़ें.’ उन्होंने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को एक साजिश करार देते हुए कहा कि वह इस बारे में पिछले साल अगस्त से जानते थे और उनके पास ऐसी रिपोर्ट थी कि कुछ विपक्षी नेता दूतावासों के चक्कर लगा रहे हैं. 


उन्होंने कहा, ‘हुसैन हक्कानी जैसे लोग लंदन में (पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री) नवाज शरीफ से मिल रहे थे.’ एआरवाई न्यूज की खबर के अनुसार, खान ने कहा कि विदेशी राष्ट्रों ने उनकी स्वतंत्र विदेश नीति पर ऐतराज जताया है. खान ने कहा कि धमकी भरे पत्र में न सिर्फ सत्ता परिवर्तन की मांग की गई है बल्कि प्रधानमंत्री पद से उन्हें हटाये जाने का भी साफ-साफ जिक्र किया गया है. 


इससे पहले, पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने शुक्रवार को दावा किया कि सुरक्षा एजेंसियों ने प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रचे जाने की सूचना दी है. ‘डॉन’ अखबार ने चौधरी के हवाले से बताया कि इन खबरों के बाद सरकार के फैसले के अनुसार खान की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. 


हफ्ते भर पहले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता फैसल वावड़ा ने भी इसी तरह के दावे किए थे. उन्होंने कहा था कि खान के ‘देश को बेचने’ से इनकार करने पर उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है. वावड़ा ने कहा था कि खान की जान को खतरा है. 


वावड़ा ने यह भी कहा था कि खान को कई बार कहा गया कि 27 मार्च को हुई उनकी रैली के मंच के सामने बुलेटप्रूफ कांच लगाए जाने की आवश्यकता है लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था.


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