नई दिल्ली: पाकिस्तान में आम चुनाव को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है. इस बीच पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि सत्तारूढ़ गठबंधन आम चुनाव में देरी के लिए विपक्ष के साथ बातचीत का ढोंग कर रहा है और सरकार ने अब तक बातचीत के लिए उनकी पार्टी से औपचारिक रूप से संपर्क नहीं किया है.


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इमरान खान को क्यों आया गुस्सा?
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख इमरान खान ने एआरवाई समाचार चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने अभी तक बातचीत के लिए उनकी पार्टी से संपर्क नहीं किया है.


इमरान खान ने कहा, 'पीडीएम से किसी ने औपचारिक रूप से अभी तक हमसे संपर्क नहीं किया है. मुझे डर है कि वे चुनावों में देरी के लिए इन वार्ताओं का उपयोग कर रहे हैं. वे केवल समय बर्बाद कर रहे हैं, ताकि चुनाव में देरी हो सके और उसे अक्टूबर के बाद कराया जाए.'


पाकिस्तान आम चुनावों में देरी क्यों?
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने सभी राजनीतिक दलों से नेशनल असेंबली और चार प्रांतीय विधानसभाओं के आम चुनाव एक साथ कराने की तारीख पर सहमति बनाने को कहा था. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाले पीडीएम गठबंधन ने शीर्ष अदालत के आदेश को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पीटीआई पार्टी के साथ बातचीत अदालत की निगरानी में नहीं हो सकती है.


अप्रैल माह की शुरुआत में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया था कि तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने उन पर भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित करने का दबाव बनाया था. भारत और पाकिस्तान के संबंध कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के कारण अक्सर तनावपूर्ण रहे हैं. भारत द्वारा पांच अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने एवं राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद संबंध और खराब हो गए. 
(इनपुट- भाषा)


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