नई दिल्ली: India Reduce Corporate Tax: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को देश का केंद्रीय बजट पेश किया. इस बजट में डिफेंस मिनिस्ट्री को 6.22 लाख करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन हुआ. ये बाकी सभी मंत्रालयों से अधिक हैं. हालांकि, इसके बाद ये सवाल उठ रहा है कि जब चीन ने अपना डिफेंस बजट दोगुना कर दिया तो भारत ने क्यों नहीं. लेकिन भारत ने कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती कर चीन पर इकोनॉमी स्ट्राइक कर दी है.


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चीन की हालत सुस्त, फिर भी रक्षा बजट पर फोकस
चीन ने साल 2015 से अपना रक्षा बजट दोगुना कर दिया है. साल 2024 में चीन का डिफेंस बजट 231 खरब डॉलर (1.66554 ट्रिलियन) के करीब है. चीन में आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं, फिर भी वे डिफेंस को मोटा बजट अलॉट कर रहे हैं. भारत के रक्षा बजट की तुलना में यह करीब तीन गुना अधिक है. भारत-चीन विवाद अभी भी नहीं सुलझा है. हालांकि, भारत ने चीन को कमजोर करने की रणनीति बना ली है.


भारत ने कैसे की इकोनॉमी स्ट्राइक?
दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22 जुलाई इकोनॉमिक सर्वे जारी किया था. इसमें कहा गया कि भारत चीन का विकल्प बनने की दिशा में काम कर रहा है. ग्लोबल कंपनियों को भारत में आने का न्योता दिया जा रहा है. फिर 23 जुलाई को पेश हुए बजट में सरकार ने इस बात को और पुख्ता कर दिया. केंद्र सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स कटौती की, ताकि विदेशी कंपनियां भारत में आकर निवेश करें. चीन में कोरोना फैला, उसके बाद से ही विदेशी कंपनियां किसी अन्य देश की तलाश में हैं, जहां पर मैन्युफैक्चरिंग सेंटर या हब खोले जाएं. भारत ने इन कंपनियों को विकल्प दे दिया है. 


वित्त मंत्री ने क्या कहा था?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉर्पोरेट टैक्स में सीधे 5% की कटौती की है. इसे 40 फीसदी से घटाकर 35 फीसदी कर दिया गया है. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, 'हमारी विकास जरूरतों को देखते हुए विदेशी पूंजी को आकर्षित करना जरूरी है. मैं विदेशी कंपनियों पर कॉर्पोरेट टैक्स की रेट को 40% से घटाकर 35% करने का प्रस्ताव रखती हूं.'


इकोनॉमिक सर्वे- ये मौका अच्छा है
इकोनॉमिक सर्वे में भी इस बात का जिक्र है कि अमेरिका के अलावा यूरोप के देश भी चीन में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट बंद कर रहे हैं.  इसलिए विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित करने का बेहतरीन मौका हो सकता है. Deloitte India के पार्टनर रोहिंटन सिधवा ने इसे आश्चर्यचजनक कदम बताया है. उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट टैक्स में ढील देने का फैसले आश्चर्यचकित करता है. इस फैसले की वित्त मंत्री से उम्मीद भी नहीं की जा रही थी.


FDI के नियमों में भी मिलेगी ढील
सरकार ने न सिर्फ कॉरपोरेट टैक्स में ढील दी है, बल्कि फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) के नियमों को भी आसान बनाने की बात कही है. FDI में बीते साल गिरवाट देखने को मिली थी. वित्त वर्ष 2023-24 में देश में आने वाली FDI में 3.9% कीगिरावट देखी गई. कुल FDI 44.42 अरब डॉलर तक जा चुकी है. लिहाजा, इसमें सुधार के लिए प्रयास किए जाएंगे.


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