इस्लामाबाद: पाकिस्तान का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) एक साल पहले इसी महीने की तुलना में जुलाई में सालाना आधार पर 24.9 फीसदी बढ़ा, जबकि पिछले साल यह 8.4 फीसदी दर्ज किया गया था. आधिकारिक आंकड़ों में इसकी जानकारी दी गई है. भारत में वित्त मंत्रालय द्वारा जून में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में महंगाई दर 15.18 फीसदी रही, जो कि पकिस्तान की तुलना में 10 फीसदी कम है. 


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पाकिस्तान में गेहूं, चावल, दूध सहित इन चीजों के बढ़े दाम


एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) के आंकड़ों से पता चला है कि महीने.दर.महीने आधार पर, जुलाई में सीपीआई में 4.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि जून में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.


आंकड़ों में कहा गया है कि उच्च मुद्रास्फीति खाद्य और गैर.खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से जुड़ी है, जिसमें खाना पकाने के तेल, सब्जियां, दालें, गेहूं, चावल, दूध, बिजली शुल्क, मोटर ईंधन, निर्माण इनपुट आइटम और मोटर वाहन सामान शामिल हैं.


महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने उठाया ये कदम


देश में बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने रविवार को पेट्रोल की कीमत में 3.05 पीकेआर प्रति लीटर की कमी करने की घोषणा की थी.
हालांकि, आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि भारी कटौती का देश में आसमान छूती महंगाई पर बहुत कम असर पड़ेगा.


इससे पहले जुलाई में, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने महत्वपूर्ण आपूर्ति के कारण 2023 के चालू वित्तीय वर्ष के दौरान मुद्रास्फीति के उच्च रहने का अनुमान लगाया था और कहा था कि 2024 के वित्तीय वर्ष में मुद्रास्फीति की दर में तेजी से गिरावट आएगी.


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