नई दिल्ली: चीन के कोरोना वायरस से सुपरपावर अमेरिका घुटनों के बल आ गया है. लाखों संक्रमितों और हजारों मौतों के अलावा अमेरिका को आर्थिक नुकसान भी बड़े पैमाने पर हो रहा है. यही वजह है कि चीन को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच चुका है.


चीन पर फिर भड़के अमेरिका के राष्ट्रपति


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व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मलेन के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने बड़ा बयान दिया, उन्होंने कहा- "हम पर हमला हुआ. ये हमला था, ये कोई फ्लू नहीं था. कभी किसी ने ऐसा कुछ नहीं देखा. 1917 में ऐसा आखिरी बार हुआ था."


अमेरिका के राष्ट्रपति का ये बयान क्या इशारे देता है?


अमेरिका कोरोना वायरस को चीन की साज़िश समझ रहा है. अमेरिका कोरोना वायरस को चीन के हथियार के तौर पर देख रहा है. अमेरिका को लगता है कि चीन ने कोरोना वायरस को जानबूझकर दुनिया में फैलाया. अमेरिका को शायद लगता है कि अमेरिका चीन के निशाने पर था. ताकि इस वायरस से अमेरिका में तबाही ज्यादा से ज्यादा हो.


'चीनी वायरस' के बाद ट्रंप का एक और अटैक


ट्रंप के इस नये बयान के बाद हम जैसा कयास लगा रहे हैं, अगर उसमें ज़रा सी भी सच्चाई है तो मान कर चलिए कि फिर इसके नतीजे भयानक हो सकते हैं. क्योंकि हो सकता है कि जब अमेरिका में हालात संभलें, तब अमेरिका चीन पर अटैक का प्लान बनाना शुरू करे. चीन से अपने देश में हुई तबाही का बदला ले. चीन के खिलाफ युद्ध छेड़ दे.


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और तब बहुत मुमकिन है कि इसके बाद एक नई समस्या दुनिया के सामने होगी. बहुत मुमकिन है कि इसके बाद एक वायरस के कारण तीसरा विश्व युद्ध भी हो. आपको बता दें, इससे पहले कई दफा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना को चीनी वायरस बता चुके हैं. उन्होंने कई दफा इस ओर इशारा भी किया है कि चीन ने अगर इसे साजिशन अंजाम दिया है तो इसका नतीजा बहुत बुरा होने वाला है.


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