नई दिल्ली. अगर जवाद जरीफ द्वारा दी गई खबर सही है तो इससे पता चलता है कि ईरानी कमांडर सुलेमानी की मौत से आईएसआईएस मजबूत हुआ है. और अब सवाल ये पैदा होता है कि सुलेमानी को मार कर अमेरिका ने आईएसआईएस की मदद की है या अपनी?



आया ईरानी विदेश मंत्री जरीफ का बयान 


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ईरानी विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने अपने मारे गए जनरल कासिम सुलेमानी की को लेकर एक बड़ी बात कही है. जवाद जरीफ ने कहा कि आतंकी संगठन आईएसआईएस के लिए दुनिया का सबसे बड़ा खतरा खुद ईरानी कमांडर सुलेमानी थे. इसलिए उनके मार दिए जाने पर आईएसआईएस में जश्न मनाया जा रहा है. 


अमरीका की अज्ञानता और अहंकार का प्रदर्शन 


जवाद जरीफ अमरीका द्वारा सुलेमानी की हत्या किये जाने को लेकर आयोजित रायसीना डायलॉग में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि ''पिछले कुछ हफ्तों ने कुछ दुखद घटनाओं की गवाही दी है. कासिम सुलेमानी की हत्या की घटना अज्ञानता और अहंकार का प्रदर्शन है. 430 भारतीय शहरों में सुलेमानी की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन हुए.'' अपनी जिम्मेदार परिपक्वता प्रस्तुत करते हुए जरीफ ने आगे कहा कि हमें पूरे क्षेत्र में डूबती आशा को जीवित करना है और इस हताशा से मुक्त होना है. 



कूटनीतिक समाधान की ज़रूरत 


जवाद जरीफ ने एक जिम्मेदार देश के जिम्मेदार प्रतिनिधि के तौर पर प्रतिशोध की बजाये समाधान की बात की. लेकिन उन्होंने कहा कि हमें दिलचस्पी अमेरिका से बात करने में नहीं बल्कि कूटनीतिक बात करने में है. उन्होंने स्वीकार किया कि अभी हाल के दौर में अमेरिका और ईरान के बीच हुई तनातनी से ईरान को बहुत नुकसान हुआ है और उसकी भरपाई में उसे सैकड़ों अरब डॉलर खर्च करने पड़े हैं.


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