पाकिस्तान ने करवाई अफगानिस्तान के मंत्री की हत्या? जानिए क्यों ISI का नाम आ रहा सामने
तालिबान के शरणार्थी मंत्री खलील हक्कानी की बुधवार को काबुल में उनके मंत्रालय के अंदर एक आत्मघाती बम विस्फोट में मौत हो गई. बताया जा रहा है कि हक्कानी के दफ्तर से बाहर निकलते समय यह विस्फोट हुआ और इसमें छह अन्य लोग भी मारे गए. अफगान मीडिया की कुछ रिपोर्ट्स में उनकी हत्या के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार बताया जा रहा है.
नई दिल्लीः तालिबान के शरणार्थी मंत्री खलील हक्कानी की बुधवार को काबुल में उनके मंत्रालय के अंदर एक आत्मघाती बम विस्फोट में मौत हो गई. बताया जा रहा है कि हक्कानी के दफ्तर से बाहर निकलते समय यह विस्फोट हुआ और इसमें छह अन्य लोग भी मारे गए. अफगान मीडिया की कुछ रिपोर्ट्स में उनकी हत्या के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार बताया जा रहा है.
अफगानिस्तान की खामा प्रेस न्यूज एजेंसी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि घातक आत्मघाती हमला संभवतः पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) का काम है.
ISI पर जताया गया शक
एजेंसी ने तालिबान के खुफिया विभाग से जुड़े अल-मर्साद नामक एक मीडिया आउटलेट के हवाले से यह दावा किया. रिपोर्ट के मुताबिक, 'हमले से पहले पाकिस्तानी सेना से जुड़े अकाउंट्स से धमकी भरी पोस्ट और इसकी प्रकृति के आधार पर इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि इसके लिए आईएसआईएस-खोरासन (आईएसआईएस-के) जिम्मेदार है.'
ISIS-K ने ली जिम्मेदारी
इसमें बताया गया कि अल-मर्साद ने 'ईगल आई' नामक एक यूजर अकाउंट का जिक्र किया. इसने तालिबानी मंत्री पर घातक हमले से कुछ घंटे पहले एक मैसेज पोस्ट किया, जिसमें कहा गया, 'एक और काफिला निकट है' और विस्फोट के तुरंत बाद पोस्ट को हटा दिया गया. इस अकाउंट को पाकिस्तानी सेना से जुड़ा बताया गया है. इस हमले की जिसम्मेदारी आईएसआईएस-के ने ली है.
रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार (11 दिसंबर) रात ग्रुप ने अपने टेलीग्राम चैनल पर एक बयान जारी किया, जिसमें हक्कानी पर हमले में अपनी भूमिका को स्वीकार किया गया. आईएसआईएस-खोरासन के बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि खलील-उर-रहमान हक्कानी के अलावा हमले में कई अन्य व्यक्ति मारे गए.
इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आत्मघाती हमले की निंदा की. वहीं पाकिस्तानी डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार ने एक्स पर एक पोस्ट में हमले में हुई मौतों और जानमाल के नुकसान पर अपनी संवेदना व्यक्त की.
हक्कानी अफगान शरणार्थियों के पुनर्वास की देखरेख की जिम्मेदारी संभाल रहे थे जो मुख्य रूप से पड़ोसी पाकिस्तान और ईरान से वापस भेजे जा रहे थे. पिछले दिनों उन्होंने शरणार्थियों के मुद्दे पर पाकिस्तानी सरकार के रवैये की आलोचना की थी.
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