टोरंटो: किंग चार्ल्स तृतीय को कनाडा के ओटावा में एक समारोह में आधिकारिक रूप से देश का राजा घोषित किया गया. रानी एलिजाबेथ द्वितीय का बृहस्पतिवार को निधन होने के बाद चार्ल्स स्वाभाविक रूप से महाराज बन गए. लेकिन ब्रिटेन में हुए समारोह की तरह, कनाडा में हुआ समारोह देश में नए महाराज को पेश करने का एक महत्वपूर्ण संवैधानिक और औपचारिक कदम है. महाराज चार्ल्स अब कनाडा के राष्ट्राध्यक्ष हैं. 


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कनाडा के पीएम ने दिया बयान
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने शनिवार को एक बयान में कहा, ‘‘कनाडा का अपने महामहिम महाराज चार्ल्स तृतीय से करीबी रिश्ता है और उनसे जुड़ा लंबा इतिहास है, जो बीते वर्षों में कई बार हमारे देश की यात्रा कर चुके हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कनाडा की सरकार की ओर से हम कनाडा के नए राजा, महाराज चार्ल्स तृतीय के प्रति अपनी निष्ठा की पुष्टि करते हैं और उन्हें पूरा समर्थन देते हैं.’’ 


राजशाही के प्रति उदासीन जनता
हालांकि, कनाडाई नागरिक राजशाही के प्रति कुछ हद तक उदासीन हैं लेकिन उनमें से कई लोग महारानी एलिजाबेथ के प्रति स्नेह रखते थे. वह महारानी के तौर पर 22 बार कनाडा की यात्रा पर आयी थीं. कुल मिलाकर, कनाडा में राजशाही विरोधी भावनाएं बहुत कम हैं, जिसका मतलब है कि चार्ल्स लगभग निश्चित रूप से कनाडा के राजा बने रहेंगे. कनाडा के सशस्त्र बलों के 28 सदस्यीय बैंड ने 21 तोपों की सलामी के दौरान ‘गॉड सेव द किंग’ बजाया. देश के राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ.

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