नई दिल्लीः अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात ने आधिकारिक तौर पर अंतरिम सरकार का गठन कर लिया है. तालिबान ने काबुल में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सरकार गठन की घोषणा की. आइए जानते हैं कि आखिर इस सरकार में शामिल चेहरों की खासियत क्या है और क्यों इन्हें सरकार में शामिल किया गया है. 


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प्रधानमंत्री: मुल्ला हसन अखुंद
तालिबान ने इस्लामिक एमिरेट्स ऑफ अमीरात में मुल्ला हसन अखुंद को पीएम घोषित किया है. ये नाम किसी के भी अनुमान से पूरी तरह से विपरीत है क्योंकि कल तक प्रधानमंत्री के तौर पर मुल्ला अब्दुल गनी बरादर का नाम चल रहा था. लेकिन सभी कयासों पर विराम लग गया और मुल्ला हसन अखुंद अफगानिस्तान का नया पीएम बन गया. कौन है मुल्ला हसन अखुंद. पब्लिक डोमेन में उसे लेकर बहुत कम जानकारी है. लेकिन अखुंद के बारे में जो जानकारी है वो इस तरह है.


कौन है मुल्ला हसन अखुंद?
अखुंद उस 30 लोगों में से एक है जिन्होंने तालिबान की स्थापना की. 20 सालों से रहबारी शूरा के प्रमुख के रूप में वह कार्यरत रहा.जो निर्णय लेने वाला एक निकाय है. साथ ही अखुंद को तालिबान के सर्वोच्च नेता-हैबतुल्लाह अखुंदजादा के बहुत करीब माना जाता है.


डिप्टी प्रधानमंत्री: मुल्ला अब्दुल गनी बरादर
सवााल है कि बरादर के साथ क्या हुआ. बरादर को डिप्टी प्रधानमंत्री बनाया गया है, माना जा रहा है कि उसे रहबरी शूरा ने किनारे कर दिया क्योंकि वो ज़्यादा कट्टर नहीं है. रहबरी शूरा चाहता था सरकार की कमान किसी कट्टर सोच वाले नेता के पास हो.


न्याय मंत्री: अब्दुल हकीम इसाकज़ाई
तालिबान ने एक न्याय मंत्री भी नियुक्त किया. नाम है अब्दुल हकीम इसाकज़ाई, ये भी तालिबान के संस्थापकों में से एक है और एक वक़्त में मुल्ला मोहम्मद उमर का बहुत ही करीबी रहा है. कतर में तालिबान की निगोशिएशन टीम का चेयरमैन था.


रक्षा मंत्री: मुल्ला मोहम्मद याकूब
अब जानते हैं कि मुल्ला मोहम्मद उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब का क्या हुआ. 33 साल के तालिबानी डिप्टी कमांडर को मुल्क के रक्षा मंत्रालय का ज़िम्मा दिया गया है. इससे पहले रिपोर्ट ये आ रही थी कि तालिबान में एक तबका मुल्ला मोहम्मद याकूब को प्रधानमंत्री के तौर पर देख रहा है लेकिन तालिबान के टॉप लीडर्स को लगा कि मोहम्मद याकूब अभी अनुभव में कच्चा है और साथ ही वो उतना कट्टर नहीं है.


गृह मंत्री: सिराजुद्दीन हक्कानी
सिराजुद्दीन हक्कानी, एक और कुख्यात नाम. जो संयुक्त राष्ट्र से घोषित ग्लोबल आतंकवादी है और अमेरिका की वान्टेड लिस्ट में 35 करोड़ रुपए का इनामी भी है. दुनिया भर में हमलों का मास्टरमाइंड अब अफ़गानिस्तान का नया गृह मंत्री है. अफ़गानिस्तान के 20 राज्यों में इसी की हुकूमत चलती है. हक्कानी नेटवर्क का चीफ़ सिराजुद्दीन हक्कानी अफ़गानिस्तान की सबसे खूंखार आतंकवादी संगठन को चलाता है. सोच सकते हैं कि ये मुल्क का गृह मंत्रालय कैसे चलाएगा.


विदेश मंत्री: आमीर खान मुत्ताकी
इस्लामिक स्टेट ऑफ अफ़गानिस्तान में आमीर खान मुत्ताकी को विदेश मंत्री बनाया गया है. मुत्ताकि कतर जाने वाली तालिबानी निगोशिएशन टीम का हिस्सा था और तालिबान के पिछले शासन काल में सूचना मंत्रालय का ज़िम्मा संभाल चुका है. 


उप विदेश मंत्री: शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकज़ाई


मुत्ताकी को एक डिप्टी भी मिला है. शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकज़ाई. शेर मोहम्मद उप विदेश मंत्री होगा जो दोहा में तालिबान के राजनीतिक दफ़्तर को संभाल रहा था और जो कभी हिन्दुस्तान में इंडियन मिलिट्री एकेडमी में अफगान डिफेंस समझौते के तहत मिलिट्री ट्रेनिंग ले चुका है. सोवियत अफगान जंग खत़्म होने के बाद शेर मोहम्मद ने अफ़ग़ान आर्मी छोड़ तालिबान का दामन थाम लिया, अब वो अफगानिस्तान का नया उप विदेश मंत्री है.


सूचना मंत्री: खैरखुल्लाह खैर ख्वा
तालिबान का अगला सूचना मंत्री है खैरखुल्लाह खैर ख्वा. खैरखुल्लाह सालों तक क्यूबा की ग्वांटानमो जेल में क़ैद रहा है, जिसे 2014 में एक यूएस मरीन को छोड़ने के एवज़ में आज़ादी मिली और आज वो अफगानिस्तान सरकार में मंत्री है.


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