नई दिल्ली.  एक हफ्ते पहले आया था वह काला धुएंदार धमाके का दिन जब हुआ था बेरुत के बंदरगाह पर एक भयानक विस्फोट. इस विस्फोट से होने वाले जान और माल के नुकसान के बाद अब आलोचना, भ्रष्टाचार और अयोग्यता के आरोपों ने लेबनान की सरकार की उम्र खत्म कर दी और पूरी सरकार को देना पड़ा है इस्तीफा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


 


प्रधानमंत्री करेंगे घोषणा 


लेबनान की सरकार अब सत्ता में नहीं रहेगी और पूरी सरकार एक साथ ही इस्तीफ़ा दे कर घुटनो पर आ गई है. हफ्ते भर पहले हुआ बम धमाका इतना भीषण साबित हुआ कि उसने देश की सरकार गिरा दी है. यद्यपि इसकी आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की गई है किन्तु बहुत शीघ्र प्रधानमंत्री हसन दियब इसकी घोषणा करने वाले हैं. 


देश में जनआक्रोश उफान पर है 


हफ्ते भर पहले लेबनान की राजधानी बेरूत में जो धमाका हुआ था उसके धमाकों की गूंज अब तक लोगों के कानों को बहरा किये हुए है. बेरूत पोर्ट पर हुए इन धमाकों में डेढ़ सौ से ज्यादा लोग मारे गए हैं इन धमाकों के बाद लेबनान में भारी जनाक्रोश देखा जा रहा है. धमाके की जांच के दौरान सरकारी महकमे की लापरवाही और सरकार की अयोग्यता की कलाई खुल गई और जनता की निंदा के बीच सरकार के सभी मंत्रियों ने एक एक करके इस्तीफा दे दिया है. 



 


आक्रामक प्रदर्शन हुए हिंसक  


देश में सरकार के विरुद्ध चल रहे आक्रामक प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है. पौने तीन हज़ार टन अमोनियम नाइट्रेट ने लेबनान को हिला कर रख दिया है. देश के स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा यह जानकारी मिली है कि लेबनान सर्कार के हर मंत्री ने त्यागपत्र दे दिया है और इसकी घोषणा आने वाले सोमवार को हो जायेगी. इस दिन सरकार के लोग राष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र दे देंगे. 


ये भी पढ़ें. कोरोना से जीती भारतीय अर्थव्यवस्था और भरा खजाना भारत का