नई दिल्लीः भारत के साथ संबंधों में खटास पैदा करना अब मालदीव के लिए आफत का सबब बन रहा है. मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में कमी आई है. इसका सीधा असर इस द्वीपीय देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है. अब वह भारतीय पर्यटकों को लुभाने के लिए भारत के बड़े शहरों में रोड शो करने जा रहा है. इस फैसले का मकसद भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करना है और उनकी मालदीव के प्रति धारणा को बदलना है, जो राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू के सत्ता में आने के बाद सकारात्मक नहीं है.


मोइज्जू ने चलाया था 'इंडिया आउट' अभियान


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मोइज्जू ने चुनाव में 'इंडिया आउट' का नारा दिया था और सत्ता में आने के बाद भारतीय सैनिकों को देश से बाहर करने का आदेश भी दिया. ये भारतीय सैनिक मालदीव में असैन्य कार्यों के लिए तैनात थे. यही नहीं मालदीव के कई मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं. साथ ही मालदीव की ओर से भारत के खिलाफ भी अपमानजनक बातें कही गई थीं. इसके बाद भारतीय पर्यटकों ने मालदीव का बहिष्कार शुरू कर दिया था. 


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते 8 अप्रैल को भारतीय उच्चायुक्त के साथ चर्चा के बाद मालदीव एसोसिएशन ऑफ ट्रैवल एजेंट्स एंड टूर ऑपरेटर्स (MATATO) ने भारतीय शहरों में रोड शो करने की घोषणा की ताकि यात्रा और पर्यटन में बढ़ाया जा सके. 


अब मिलकर काम करने का इरादा व्यक्त किया


MATATO ने भारतीय उच्चायोग के साथ मालदीव में पर्यटन को बढ़ाने के लिए मिलकर सहयोग करने का इरादा जताया. वहीं टूरिज्म बॉडी ने कहा कि प्रमुख भारतीय शहरों में व्यापक रोड शो करने और आगामी महीनों में मालदीव में प्रभावशाली लोगों की यात्राओं को सुविधाजनक बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है. भारत मालदीव के पर्यटन के लिए अहम बाजार है. वे मालदीव को एक प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ावा देने के लिए भारत में टूरिज्म इंडस्ट्री के अहम लोगों के साथ मिलकर काम करेंगे.


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