पुतिन बोले- मॉस्को हमले के पीछे `कट्टरपंथी इस्लामवादी`, यूक्रेन का फिर लिया नाम!
Moscow Terror Attack: पुतिन ने कहा, सवाल यह उठता है कि इससे किसे फायदा होता है? यह रूस में दो दशकों में सबसे घातक हमला है. पुतिन ने कहा कि जांचकर्ताओं को अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि इस हमले का आदेश किसने दिया था.
Moscow Terror Attack: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को स्वीकार किया कि मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल में 23 मार्च को हुआ हमला इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा किया गया था, लेकिन उन्होंने अपना दावा दोहराया कि इस नरसंहार में यूक्रेन की भूमिका थी जिसमें 139 लोगों की जान चली गई.
रूस में दो दशकों में सबसे घातक हमला है. आगे की रणनीति तैयार करते हुए क्रेमलिन बैठक के दौरान, पुतिन ने कहा कि जांचकर्ताओं को अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि इस हमले का आदेश किसने दिया था, जिसे कट्टरपंथी इस्लामवादियों द्वारा उस विचारधारा के साथ अंजाम दिया गया जिससे मुस्लिम दुनिया सदियों से लड़ती रही है. रूसी राष्ट्रपति की यह टिप्पणी टेलीग्राम पर पोस्ट की गई.
पुतिन ने कहा, 'सवाल यह उठता है कि इससे किसे फायदा होता है? यह अत्याचार उन लोगों के प्रयासों की एक पूरी श्रृंखला की एक कड़ी हो सकता है जो 2014 से नव-नाजी कीव शासन के हाथों हमारे देश के साथ युद्ध कर रहे हैं.'
हमला का उद्देश्य क्या था?
उन्होंने कहा कि हमले का उद्देश्य दहशत फैलाना था और इसका उद्देश्य यूक्रेनी आबादी को यह दिखाना भी हो सकता है कि जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध के चौथे वर्ष में हैं, तो कीव शासन ने इस दौरान सब कुछ नहीं खोया है.
इससे पहले, पुतिन ने कहा था कि मॉस्को कॉन्सर्ट हॉल के हमलावर यूक्रेन भागने की कोशिश के लिए मॉस्को से लगभग 340 किमी दक्षिण-पश्चिम में ब्रांस्क क्षेत्र में पहुंच गए थे. उन्होंने आगे दावा किया कि यूक्रेनी पक्ष के कुछ लोगों ने चार हमलावरों को रूस से सीमा पार कराने की तैयारी की थी.
यूक्रेन क्या बोला? किसने ली जिम्मेदारी?
यूक्रेन ने रूसी राष्ट्रपति के आरोपों को खारिज कर दिया है, यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने पुतिन पर दोषारोपण करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है.
इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली और बॉडीकैम फुटेज जारी किया, जिसमें चार बंदूकधारी दिख रहे थे, जिन्होंने 23 मार्च को क्रोकस सिटी हॉल - एक संगीत स्थल और एक शॉपिंग सेंटर में नागरिकों पर गोलियां चलाईं. मध्य एशिया और मुख्य रूप से अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में सक्रिय आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISIS-K) ने दावा किया है कि वे हमले के पीछे थे.
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने इस महीने की शुरुआत में रूस को हमला होने की चेतावनी दी थी. ऐसा लगता है कि मॉस्को ने इसपर ध्यान ना देते हुए दरकिनार कर दिया है.
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