नई दिल्लीः अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा शनिवार को फिर से अपने नए चंद्र रॉकेट का उड़ान परीक्षण करने की कोशिश करेगा. इस हफ्ते किए गए प्रथम प्रयास के दौरान इंजन में गड़बड़ी आने के बाद इस कार्यक्रम को रोक दिया गया था.


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ईंधन भरने की प्रक्रिया में कर रहे बदलाव
प्रबंधकों ने मंगलवार को कहा कि वे इस मुद्दे से निपटने के लिए ईंधन भरने की प्रक्रिया में बदलाव कर रहे हैं. उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि सोमवार के नाकाम परीक्षण की वजह एक खराब सेंसर रहा होगा. 


रॉकेट में होगा क्रू कैप्सूल
नासा की ओर से अब तक निर्मित किया गया सर्वाधिक शक्तिशाली रॉकेट 322 फुट (98 मीटर लंबा) है. यह केनेडी स्पेस सेंटर में अपने परीक्षण स्थल पर है और इसके शीर्ष पर मौजूद ‘क्रू कैप्सूल’ खाली है. 


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कैप्सूल में रखे जाएंगे तीन पुतले
स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट ‘कैप्सूल’ को चंद्रमा के आसपास पहुंचाने की कोशिश करेगा और इसके बाद वापस आ जाएगा. ‘कैप्सूल’ में कोई भी सवार नहीं होगा और परीक्षण के लिए सिर्फ तीन पुतले रखे होंगे. यदि यह परीक्षण सफल रहा तो यह 50 साल पहले नासा के अपोलो कार्यक्रम के बाद से चंद्रमा पर जाने वाला पहला ‘कैप्सूल’ होगा. 


नासा के रॉकेट प्रोग्राम मैनेजर जॉन हनीकट ने कहा कि शनिवार का प्रक्षेपण अतिरिक्त अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा, भले ही समस्या फिर से उत्पन्न हो और उलटी गिनती फिर रोक दी जाए.


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