नई दिल्ली.  ऐसा नहीं है कि नेपाल में पूरी संसद ही एहसानफरामोश है, भारत के उपकारों को महत्व दिया है नेपाली सांसद सरिता गिरि ने. उन्होंने नेपाली संसद में न केवल नए नक्शे का विरोध किया बल्कि भारत-विरोध मानसिकता पर भी हमला किया. 


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72 घंटे का दिया है समय 


नेपाल की संसद में नए प्रस्तावित नेपाली सीमा के नक्शे पर आमंत्रित संविधान संशोधन प्रस्ताव को 72 घंटे का समय मिला हुआ है. इन 72 घंटों में सभी सांसदों को इसके समर्थन या विरोध सहित अपनी अपनी राय इस पर देनी है. सांसद सरिता गिरि ने कहा कि इस संशोधन प्रस्ताव को खारिज किया जाना चाहिए क्योंकि नेपाल सरकार के पास पर्याप्त प्रमाण नहीं हैं. 


संसद में जारी है चर्चा 


भारत और नेपाल के संबंध सदा ही अच्छे रहे हैं. अचानक चीन के भड़काने पर नेपाल ने भारत के साथ जबरिया सीमा विवाद पैदा कर लिया है जो अब तक कम होने का नाम नहीं ले रहा है. नेपाल ने न केवल भारत के भूभाग पर झूठा दावा पेश कर दिया है बल्कि उस जिद पर इतना अड़ गया है कि अब उसे वैधानिक रूप देने पर तुला हुआ है. इसी सिलसिले में संविधान संशोधन प्रस्ताव पर अभी संसद में चर्चा चल रही है. 


तुरंत खारिज करने की मांग की


नेपाली सांसद सरिता गिरि ने जो किया वह अप्रत्याशित था. सरिता गिरि वह पहली ऐसी नेपाली सांसद हैं जिन्होंने इस संशोधन का विरोध करके चार पार्टियों वाली सरकार को चौंका दिया. इस महिला सांसद ने प्रस्ताव को तुरंत खारिज करने की मांग कर दी है. संशोधन प्रस्ताव को पास करने के लिए मतदान करने की स्थिति बनने की संभावना नज़र आ रही है.


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