नई दिल्ली: कोरोना और मंकीपॉक्स जैसे जानलेवा वायरस से जूझ रही दुनिया के सामने एक नई समस्या खड़ी हो गई है. चीन में एक नए वायरस 'जूनोटिक लांग्या' ने कहर बरपाना शुरू कर दिया. आइए जानते हैं कि ये वायरस इंसानों के लिए कितना खतरनाक है और इसका दुनिया पर कितना प्रभाव पड़ने की आशंका है.


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'मानव से मानव में वायरस का ट्रांसफर नहीं'


ताइवान के सीडीसी (Centers for Disease Control) के उप महानिदेशक चुआंग जेन-हिसियांग ने जानकारी दी है कि इस वायरस की स्टडी में सामने आया है कि वायरस में इंसान से इंसान में ट्रांसमिशन नहीं है. हालांकि सीडीसी अभी यह नहीं कह सकता है कि यह वायरस इंसान से इंसान में नहीं फैल सकता. उन्होंने वायरस के बारे में और जानकारी आने तक लोगों को इसे लेकर सतर्कता बरतने के लिए कहा है. 


चीन में मिल चुके हैं 35 से ज्यादा मरीज


विदेशी मीडिया की खबरों के मुताबिक चीन में इस वायरस की चपेट में करीब 35 लोग आ चुके हैं. आने वाले समय में इसके मरीज भी बढ़ सकते हैं. चीन के स्वास्थ्य प्रशासन का कहना है कि इन सभी मरीजों का आपस में कोई संपर्क नहीं रहा. ये वायरस जानवरों के द्वारा भी फैल सकता है. 


ताइवान के सीडीसी के अनुसार घरेलू जानवरों पर एक सर्वे किया गया जिसमें बकरियों में 2% और कुत्तों में 5% केस मिले हैं. 25 जंगली जानवरों की प्रजातियों पर हुए परीक्षण के नतीजे बताते हैं कि छछुंदर से 'जूनोटिक लांग्या' वायरस फैलने की ज्यादा आशंका है. 


विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में मिले 35 मरीजों में से 26 को खांसी, बुखार, थकान, भूख न लगना, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द जैसे लक्षम पाए गए. इनमें से कुछ लक्षण कोरोना से मिलते जुलते हैं. ये भी बताया गया है कि इस वायरस से बचाव के लिए फिलहाल कोई वैक्सिनेशन या थेरेपी उपलब्ध नहीं है. 


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