नई दिल्ली: भारत में काला धन रखने वाले लोगों के खिलाफ क़ी कार्रवाई जारी है. भाररत और स्विट्जरलैंड के टैक्स अधिकारियों ने ऐसे कई ट्रस्टों की पहचान की है, जिनके जरिए टैक्स चोरी की जाती थी. 


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भारत को दी गई जानकारी
कालाधन की सुरक्षित पनाहगाह माने जाने वाले देशों में स्थित संस्थानों के जरिए स्विस बैंकों में काला धन छिपाने की शिकायत काफी दिनों से मिल रही थी. जिसके बाद इस तरह के निकायों को स्विट्जरलैंड के टैक्स प्राधिकरणों ने नोटिस जारी किया है. स्विट्जरलैंड के टैक्स अधिकारी ऐसे व्यक्तियों की बैंक जानकारियां भारत के टैक्स अधिकारियों के साथ साझा कर रहे हैं, जो टैक्स चोरी कर हमारे देश से  बाहर भाग गए. 


काला धनपतियों को दिया गया नोटिस
स्विट्जरलैंड के सरकारी राजपत्र में पिछले एक महीने एक नोटिस प्रकाशित किया गया था. जिसमें कई लोगों से पूछा गया कि क्या वे भारत के साथ बैंक जानकारियां साझा करने के खिलाफ अपील करना चाहते हैं? इसके लिए उन्हें अपना प्रतिनिधि नामित करने का सुझाव दिया गया था. 


इसमें से कई व्यक्तियों ने केमैन आइलैंड्स स्थित ट्रस्टों और कंपनियों में अपना अवैध धन निवेश किया हुआ है. केमैन आइलैंड्स, पनामा और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स जैसी जगहों पर बनाए गए ट्रस्टों को सामान्यत: कर चोरी के जरिए रुप में पहचाना जाता है. 


कई कारोबारियों के नाम सार्वजनिक
स्विट्जरलैण्ड द्वारा जारी किए गए नोटिस में कारोबारी अतुल पुंज, गौतम खेतान, सतीश कालरा, विनोद कुमार खन्ना, दुल्लाभाई कुंवरजी वाघेला, रीवाबेन दुल्लाभाई कुंवरजी वाघेला और बलवंतकुमार दुल्लाभाई वाघेला का नाम शामिल है. हालांकि इसमें से कुछ लोगों की पहले ही मौत हो चुकी है. ऐसे में उनके उत्तराधिकारियों को नोटिस का जवाब देने का आदेश दिया गया है. 



इन ट्रस्टों पर है नजर 
स्विस सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिस में केमैन आइलैंड्स के में बनाए गए ''द पी.देवी चिल्ड्रंस ट्रस्ट'', ''द पी.देवी ट्रस्ट'', ''द दिनोद ट्रस्ट'' और ''द अग्रवाल फैमिली ट्रस्ट''  के नाम शामिल हैं. केमैन आइलैंड्स स्थित देवी लिमिटेड तथा भारत के अधि इंटरप्राइजेज प्रा. लिमिटेड सहित कई कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है. 


स्विस बैंक की कार्यप्रणाली में आया है सुधार 
स्विट्जरलैंड की सरकार ने ये महसूस किया था उनके देश की छवि कर चोरों के पनाहगाह के तौर पर बन गई है. जिसे बदलने बदलने के लिए पिछले कुछ वर्षों में सुधार लाया गया है. जिसके बाद अलग अलग समझौतों के तहत विभिन्न देशों के साथ संदिग्ध व्यक्तियों संबंधी बैंकिंग सूचनाएं साझा करने की व्यवस्था तैयारी की गई है. स्विट्जरलैंड ने हाल में कई देशों के साथ उनके यहां के काला धनपतियों की सूचना साझा की है. इसमें भारत के भी कई धनपति शामिल हैं. 


मार्च से अब तक 3500 भारतीय खाताधारकों को नोटिस
भारत में काला धन रखने वाले लगभग 3500 लोगों को नोटिस जारी किया गया है. ये नोटिस मार्च से अब तक जारी किए गए हैं. अभी तक स्विट्जरलैण्ड के बैंकों में पूरी दुनिया की अवैध संपत्ति जमा की जाती थी. लेकिन अब गोपनीयता के नियम बदल गए हैं. जिसके बाद स्विट्जरलैण्ड के बैंक भी कर चोरों के लिए सुरक्षित नहीं रह गए  हैं. 



खाताधारकों की सूचनाओं को साझा करने को लेकर भारत सरकार के साथ स्विट्जरलैण्ड ने समझौता किया है. ऐसे ही समझौते कई अन्य देशों के साथ भी किए गए हैं.