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नई दिल्ली. कोरोना से चाहे लाखों लोग दुनिया में संक्रमित हो रहे हों, चाहे हज़ारों की जानें जा रही हों, पर पाकिस्तान के मुनाफाखोरों के लिए ये पैसा कमाने का मौसम है. कोरोना मतलब कालाबाज़ारी है पाकिस्तान में. सिर्फ और सिर्फ पैसे से मतलब रखने वाले पाकिस्तानी कालाबाज़ारिये ये भी नहीं सोच रहे कि कोरोना मास्क की काला बाज़ारी करेंगे तो न जाने कितने पाकिस्तानी नागरिक आने वाले दिनों में कोरोना से संक्रमित हो कर मौत के मुहाने पर खड़े हो सकते हैं.



 


मास्क छुपाये, भाव बढाए 


कालाबाज़ारी से पहले भी कौन सा कम परेशान था पाकिस्तान. अब मुनाफाखोरों ने फिर बढ़ा दिया है इमरान सरकार का सिरदर्द. कोरोना दुनिया के लोगों को जितना डरा रहा है उससे ज्यादा वो पाकिस्तान को डरा रहा है. पाकिस्तान के सिंध प्रांत की सरकार ने मुनाफाखोरी पर लगाम लगाने के लिए एक बड़ी कार्रवाई की है और छापामारी करके 80 हजार कोरोना मास्कों की एक खेप जब्त की. जनता की शिकायत पर पुलिस ने ये कदम उठाया है और विक्रेताओं और स्टॉकिस्टों  की जमाखोरी पर प्रहार किया है.


आया मास्क  की कीमतों में उछाल 


दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के बढ़ने से दुनिया में तो मास्क की कीमतें बढ़ ही रही हैं, महागरीब देश पाकिस्तान में और ज्यादा बढ़ रही हैं. गरीबी गरीबों को खाती है की तर्ज पर यहीं के व्यापारी बढ़ी कीमतों वाले मास्कों का आयात तो कर ही रहे हैं उनकी जमाखोरी करके उनकी कीमतें और बढ़ा रहे हैं. अब पाकिस्तानी बाज़ार में मास्क बहुत कम उपलब्ध हैं और उनकी कीमतें आसमान छू रही हैं. कालाबाज़ारी मेहरबान है और जनता हलकान है.



 


सरकार ने की छापामारी शुरू


पहला अच्छा काम कर रही है इमरान खान सरकार अपनी कोरोना से डरी हुई जनता के लिए. उसने कालाबाज़ारी पर हमला बोलना शुरू कर दिया है. देश में कोरोना संक्रमण के दो मामले सामने आने के बाद से मास्क की कीमतों में अचानक उछाल आ गया और कालाबाज़ारी ने पहले ही मास्कों के दाम बढ़ा रखे हैं. अब सरकार ने कालाबाज़ारियों के छुपे ठिकानों पर छापे मारने शुरू कर दिए हैं. हाल ही में अधिकारियों ने पोर्ट कासिम में छापा मार कर एन95 कैटेगरी के मास्क की बड़ी खेप बरामद की है. इसके ठीक एक दिन पहले सिंध ड्रग इंस्पेक्टरों ने भी यहां कच्ची गली नामक प्रसिद्ध मेडिसिन के रीटेल मार्किट में छापेमारी की थी. यद्यपि यह छापा नाकाम रहा और यहां कोई भी जमाखोर गिरफ्तार नहीं हो पाया.


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