Pakistan-Iran Conflict: कभी भारत के खिलाफ युद्ध में ईरान ने की थी पाकिस्तान की मदद, फिर कैसे दोनों की दोस्ती में दरार आ गई
Pakistan-Iran Conflict : मंगलवार देर रात ईरान की सेना ने पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान में अलगाववादियों के ठिकानों को निशाना बनाकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी. इसी को लेकर अब दोनों देशों के बीच रिश्ते और भी खराब हो रहे हैं. आइए जानते हैं पहले दोनों देश, जो दोस्ताना था वो आखिर कैसे दुश्मनी का रूप ले रहा है.
Pakistan-Iran Conflict: मंगलवार देर रात ईरान की सेना ने पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान में अलगाववादियों के ठिकानों को निशाना बनाकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी. ईरान के इस हमले से पाकिस्तान में हड़बड़ी मच गई थी, पाक ने भी कथित तौर पर गुरुवार को ईरान की सीमा में घुसकर कुछ ठिकानों पर हमला करने का दावा दिया था. पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक कर ईरान ने सफाई दी थी कि उन्होंने यह हमले पाकिस्तान पर नहीं बल्कि आतंकियों पर किया है.
दोनों देशों के बीच हुआ विवाद...
पाक ने भी इसी से मिलती जुलती सफाई देते हुए आतंकियों को निशाना बनाकर हमला करने की बात कही है. बता दें कि दोनों देशों ईरान और पाकिस्तान के रिश्ते कभी बहुत ही मजबूत हुआ करते थे, लेकिन अब दोनों देशों के बीच रिश्ते कैसे हैं यह हमले के बाद सभी ने देख ही लिया है. अब दोनों ही देश एक दूसरे पर सर्जिकल स्ट्राइक कर रहे हैं. आज हम आपको इस आर्टिकल में बात करेंगे कि आखिर पाकिस्तान और ईरान के बीच ऐसी क्या बात हो गई, जिसको लेकर दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्तिथि बनी हुई है. आइए जानते हैं कि विवाद की जड़ क्या है और दोनों देशों के रिश्तों में किस बात को लेकर खटास आई...
कैसी शुरू हुआ दोनों देशों के बीच विवाद
बीती 16 जनवरी को ईरान ने पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश अल-अदल के ठिकानों को निशाना बनाकर उनपर एयरस्ट्राइक की. मिली जानकारी के मुताबिक इस हमले में दो बच्चों सहित तीन अन्य बच्चियों के गंभीर रूप से घायल होने की बात सामने आई थी. बता दें कि ईरान के इस्लामिक रेवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ने ब्लूचिस्तान प्रांत के एक गांव पर मिसाइल दागी थी. ईरान ने इस हमले में आतंकी जैश अल-अदल के ठिकाने तबाह कर दिए थे.
पाकिस्तान-ईरान के रिश्ते...
ईरान और पाकिस्तान के रिश्ते शुरू से ही अच्छे और दोस्ताना दस्तूर के रहे हैं. 14 अगस्त 1947 भारत से अलग होकर जब पाकिस्तान नया देश बना था, तब ईरान ही वो देश था, जिसने पाकिस्तान का साथ देते हुए उसे मान्यता दी थी. इसके बाद ईरान ने विदेश में पाकिस्तान का पहला दूतावास खोला था. ऐसा भी कहा जाता है कि 1965 और 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई जंग में ईरान ने पाकिस्तान का साथ दिया था. बता दें कि दोनों देशों के रिश्तों में ऊर्जा, सीमा और व्यापार जैसे मुद्दों को ध्यान में रखा गया था.
कैसे दोनों देशों के बीच आई दरार
ईरान के साथ पाकिस्तान के रिश्ते ज्यादा समय तक ठीक नहीं रहे. अयातुल्ला खामेनेई की इस्लामी क्रांति और अफगानिस्तान पर सोवियत संघ के नियंत्रण की वजह से दोनों देश एक दूसरे को दुशमन की नजर से देखने लगे. पाकिस्तानी प्रोफेसर परवेज अमिराली हुदभॉय के एक लेख के अनुसार वो इस बात का दावा करते हैं कि ईरान और अमेरिका के रिश्ते बिगड़ने के बाद पाकिस्तान सोवियत गुट से लड़ने के लिए अमेरिका के साथ शामिल हो गया. इसके बाद ईरान ने ताजित गुट का समर्थन किया.
इसलिए दोनों देशों के रिश्ते हुए खत्म
बता दें कि पाकिस्तान सुन्नी मिल का देश है, जबकि ईरान शिया मजहब से ताल्लुक रखता है. जैसे-जैसे दोनों देशों के बीच मजहब सामने आया, तभी से दोनों के रिश्तों में दरार आ गई. कभी दोस्त रहे देशों के बीच आतंकवाद ने भी एक बड़ी खाईं पैदा की। ईरान और पाकिस्तान एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे हैं. साल 1990 में लाहौर में ईरान के राजदूत गंजी की हत्या कर दी गई. इस हत्या को लेकर अभी ईरान का गुस्सा शांत भी नहीं हुआ था कि ईरान की वायुसेना के कैडेटों को भी मार दिया गया. इस मामले को लेकर पाकिस्तान के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सफाई देते हुए कहा कि इस हत्या के पीछे आईएसआई (ISI) का हाथ है. इस हत्या के कारण ईरान और पाकिस्तान के रिश्तों में खटास आ गुई.
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