इस्लामाबादः पाकिस्तान के बलूचिस्तान में गेहूं का संकट खड़ा हो गया है. सरकार की ओर से एसओएस भेजे जाने के बावजूद केंद्र सरकार की ओर से गेहूं की कोई खेप नहीं भेजी गई. डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार रात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खाद्य मंत्री जमरक खान पिरालिजाई ने कहा था कि खाद्य विभाग का गेहूं का स्टॉक खत्म हो गया है और उसने अन्य प्रांतों और केंद्र से मदद मांगी है.


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गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं लोग
उन्होंने कहा, हम बहुत गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं और आपातकालीन आधार पर 600,000 बैग गेहूं की जरूरत है, उन्होंने कहा कि उन्होंने संघ व पंजाब और सिंध की प्रांतीय सरकारों को एक एसओएस भेजा. उन्होंने कहा कि बिगड़ती स्थिति से निपटने के लिए बलूचिस्तान को तत्काल गेहूं की आपूर्ति की जरूरत है.


गेंहू देने से किया गया इनकार
मंत्री ने कहा, इस संकट के लिए संघीय, सिंध और पंजाब सरकारें जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री परवेज इलाही द्वारा 600,000 बैग गेहूं प्रदान करने के वादे के बावजूद, एक भी बैग गेहूं प्रांत को नहीं भेजा गया. उन्होंने दावा किया, इस्लामाबाद, पंजाब और सिंध ने बलूचिस्तान को गेहूं देने से इनकार कर दिया है.


मंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता हम्माद अजहर के हवाले से द न्यूज ने कहा पाकिस्तान में आने वाले दिनों में खाद्य पदार्थों का गंभीर संकट पैदा होने की संभावना है. यदि गठबंधन सरकार ऋण कार्यक्रम की नौवीं समीक्षा को अंतिम रूप देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की शर्तों को स्वीकार करती है तो मुद्रास्फीति 40 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी.


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