नई दिल्ली. पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का शनिवार को दुबई में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. पाकिस्तानी सैन्य जनरल रहे परवेज का जन्म 1943 में पुरानी दिल्ली में हुआ था. मुशर्रफ लंबे समय से इलाज करवा रहे थे और वह एमिलोइडोसिस नाम की बीमारी से पीड़त थे. गंभीर बीमारी का इलाज करवा रहे मुशर्रफ की मौत की अफवाहें भी उड़ी थीं. बीते साल जून महीने में भी मुशर्रफ की मौत की अफवाहें फैली थीं जिनका बाद में परिवार ने खंडन किया था. 


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मुशर्रफ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए परिवार ने जानकारी दी थी कि बीमारी अडवांस स्टेज में है और अब रिकवरी संभव नहीं है. परिवार ने मुशर्रफ की जिंदगी के लिए लोगों से दुआएं करने की अपील की थी. 


क्या है एमिलोइडोसिस
यह बीमारी शरीर असामन्य रूप से प्रोटीन की अधिकता होने की वजह से बनती है. धीरे-धीरे यह प्रोटीन शरीर में ऊतकों पर असर डालना शुरू करता है जिससे ये ठीक से काम नहीं कर पाते. बीमारी की अडवांस स्टेज में शरीर के लगभग हर अंग पर असर हो सकता है जिससे बीमार व्यक्ति की मौत तक हो सकती है. 


कैसे चलता है इस बीमारी का पता
एमिलोइडोसिस का पता बायोप्सी टेस्ट के जरिए किया जाता है. इसके लिए सैंपल रेक्टम, किडनी या फिर स्किन से लिए जाते हैं. 


कैसे होता है इसका इलाज
इस बीमारी का इलाज मुख्य तौर पर प्रोटीन की मात्रा और उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक बीमारी की विभिन्न स्टेज में अलग-अलग तरीके से इलाज किया जाता है.  मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बीमारी के चलते परवेज मुशर्रफ पूरी तरह चलने में असमर्थ थे. वह व्हील चेयर के सहारे थे. वह खाना भी नहीं खा पाते थे. वह मार्च 2016 से दुबई में रह रहे थे.


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