नई दिल्ली: पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' को सोमवार को तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप शपथ ली. एक दिन पहले राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया था.


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प्रचंड ने तीसरी बार ली पीएम पद की शपथ
पूर्व गुरिल्ला नेता प्रचंड (68) ने 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 169 सदस्यों का समर्थन दिखाते हुए राष्ट्रपति को एक पत्र सौंपा था, जिसके बाद उन्हें देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया. शीतल निवास में हुए एक आधिकारिक समारोह में राष्ट्रपति भंडारी ने प्रचंड को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.



प्रचंड ने कैसे अपनाया राजनीति का मार्ग अपनाया?
ग्यारह दिसंबर, 1954 को पोखरा के निकट कास्की जिले के धिकुरपोखरी में जन्मे प्रचंड करीब 13 साल तक भूमिगत रहे. वह उस वक्त मुख्यधारा की राजनीति में शामिल हो गए जब सीपीएन-माओवादी ने एक दशक लंबे सशस्त्र विद्रोह का रास्ता त्यागकर शांतिपूर्ण राजनीति का मार्ग अपनाया.


उन्होंने 1996 से 2006 तक एक दशक लंबे सशस्त्र संघर्ष का नेतृत्व किया था, जो अंततः नवंबर 2006 में व्यापक शांति समझौते पर हस्ताक्षर के साथ समाप्त हुआ. प्रतिनिधि सभा में 89 सीटों के साथ नेपाली कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है जबकि सीपीएन-यूएमएल और सीपीएन-एमसी के पास क्रमशः 78 व 32 सीटें हैं.
(इनपुट: भाषा)


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