काबुलः अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उत्तर-पश्चिम स्थित एक इलाके में एक रॉकेट से हमला किया गया जिसमें एक बच्चे समेत 2 लोगों की मौत हो गई. यह हमला ऐसे समय किया गया है जब अमेरिका अफगानिस्तान से निकासी अभियान संचालित कर रहा है.काबुल के पुलिस प्रमुख राशिद ने कहा कि रॉकेट रविवार दोपहर को गिरा.


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किसी ने नहीं ली है जिम्मेदारी
किसी भी समूह ने अभी तत्काल इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. यह रॉकेट हमला ऐसे समय किया गया है, जब अमेरिका अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के लिए एक ऐतिहासिक अभियान संचालित कर रहा है, जिसमें काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हज़ारों लोगों को निकाला गया है. अफगानिस्तान में दो सप्ताह पहले तालिबान के कब्जे के बाद से बहुत अराजकता की स्थिति है.


सुरक्षा बढ़ गई है
इस्लामिक स्टेट के एक सहयोगी संगठन द्वारा किये गए आत्मघाती हमले के बाद तालिबान ने हवाई क्षेत्र के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है. ब्रिटेन ने शनिवार को अपनी निकासी उड़ानें समाप्त कर दीं. उस आत्मघाती हमले में 180 से अधिक लोग मारे गए थे.


अफगानिस्तान के हालात पर क्या बोले राजनाथ


कट्टरपंथी इस्लामी समूह तालिबान के 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने के साथ, अफगानिस्तान मानवीय संकट में डूब गया है. तालिबान को फिर से सत्ता में लाने में पाकिस्तान की अहम भूमिका मानी जा रही है. रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज में एक संबोधन में, राजनाथ सिंह ने कहा कि वैश्विक व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रतिमान में बदलाव के साथ, हमने न केवल अपनी नीतियों में तत्काल बदलाव किया है, बल्कि हमारे भविष्य के सुधारों पर भी निर्णय लिया है.


उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में मौजूदा हालात को देखते हुए हर देश अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने को मजबूर है. क्वाड की स्थापना इन स्थितियों को ध्यान में रखते हुए की गई थी. क्वाड या आधिकारिक तौर पर चतुर्भुज सुरक्षा संवाद, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान को एक साथ लाता है.


उन्होंने चीन और पाकिस्तान की धमकियों का हवाला देते हुए कहा कि आजादी के बाद से भारत को विरासत में चुनौतियां मिली हैं.


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