नई दिल्ली: पोलैंड के प्रधानमंत्री माटुस्ज मोराविकी ने सोमवार को कहा कि पोलैंड यूक्रेन को लैपर्ड टैंक भेजने की जर्मनी से अनुमति मांगेगा. मोराविकी ने यह नहीं बताया कि यह अनुरोध कब किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पोलैंड लैपर्ड टैंक भेजने के लिए तैयार देशों का गठबंधन बना रहा है. उन्होंने विस्तार से जानकारी दिए बिना कहा कि यदि जर्मनी अनुमति नहीं देता है, तो भी पोलैंड अपना निर्णय स्वयं लेगा. 


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यूक्रेन को लेपर्ड टैंक सौंपेगा पोलैंड


मोराविकी ने कहा, ‘‘हम (जर्मनी से) अनुमति मांगेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि हमें अंतत: यह अनुमति नहीं मिलती है, तो हम इस छोटे से गठबंधन के साथ मिलकर यूक्रेन को हमारे टैंक सौंपेंगे, भले ही जर्मनी इस गठबंधन में शामिल नहीं हो.’’ 


जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालेना बाएरबॉक ने फ्रांसीसी टीवी चैनल ‘एलसीआई’ से रविवार को कहा कि उनकी सरकार को पोलैंड से कोई औपचारिक अनुरोध नहीं मिला है, लेकिन ‘‘यदि हमसे पूछा जाता है, तो हम विरोध नहीं करेंगे.’’ मोराविकी ने बाएरबॉक के इस बयान के संबंध में कहा कि ‘‘दबाव डालना समझ में आता है’’ और उनके शब्द यह उम्मीद देते हैं कि जर्मनी भी गठबंधन में शामिल हो सकता है. 


जर्मनी के पास अभी 500 से अधिक लेपर्ड टैंक


उन्होंने कहा कि बाएरबॉक ने ‘‘एक अलग संदेश भेजा है जो आशा की एक किरण देता है कि जर्मनी अब बाधा उत्पन्न नहीं करेगा और यूक्रेन के समर्थन में भारी, आधुनिक उपकरण संभवत: उपलब्ध कराएगा.’’ मोराविकी ने पोजनान में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम बर्लिन में सरकार पर अपने लैपर्ड उपलब्ध कराने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं.’’ 


मोराविकी के अनुसार, जर्मनी के पास ‘‘350 से अधिक सक्रिय लैपर्ड और भंडारण में लगभग 200 लैपर्ड हैं.’’ यूक्रेन सरकार का कहना है कि रूस की आक्रमणकारी ताकतों पर हावी होने के लिए टैंक और विशेष रूप से जर्मन निर्मित लैपर्ड महत्वपूर्ण हैं. जर्मनी यूक्रेन को हथियार देने वाले मुख्य देशों में शामिल है और उसने संभावित हरी झंडी के लिए अपने लैपर्ड 2 भंडार की समीक्षा का आदेश दिया है, लेकिन जर्मन सरकार यूक्रेन को लेकर प्रतिबद्धता बढ़ाने की दिशा में हर कदम सावधानी से रख रही है. 


लेपर्ड टैंक में ऐसा क्या है खास?


लेपर्ड 2 टैंक पहली बार अमेरिकी M48 पैटर्न को बदलने के लिए 1970 के दशक में तैयार किया गया था. जर्मनी की कंपनी क्रॉस-मफेई वेगमैन अब तक इस टैंक की 3500 से ज्यादा यूनिट बना चुकी है. तह तबक 70 किमी/घंटा की रफ्तार से 500 किमी दी दूरी तय कर सकता है. इस टैंक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये टैंक माइन्स विस्फोट, एंटी टैंक फायर और IED ब्लास्ट से पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं.


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