नई दिल्ली: रूस की सेना ने शुक्रवार को चेरनोबिल नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र स्थल (Nuclear Power Plant Site) का कंट्रोल वापस यूक्रेन को सौंप दिया और विकिरण से दूषित इस जगह को छोड़ दिया. यूक्रेन के अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है. रूस ने एक महीने से ज्यादा समय पहले चेरनोबिल को अपने कब्जे में ले लिया था.


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चेरनोबिल को रूसी सेना ने छोड़ दिया


इसके साथ ही कीव के बाहरी इलाकों और अन्य मोर्चों पर जंग जारी है. यूक्रेन की सरकारी ऊर्जा कंपनी, एनर्जोएटम ने कहा कि बंद पड़े संयंत्र से सैनिकों को विकिरण दंश झेलना पड़ रहा था, जिसके बाद उन्होंने चेरनोबिल को छोड़ दिया. हालांकि, स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती.


रूस के सैनिक चेरनोबिल से ऐसे वक्त में पीछे हटे हैं, जब ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि क्रेमलिन यूक्रेन में पीछे हटने के वास्ते बातचीत करने की आड़ में अपनी सेना को फिर से तैयार कर देश के पूर्वी हिस्से में पुनः तैनात करने की कोशिश कर रहा है.


यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि देश के उत्तर और मध्य भाग से रूस की सेना की वापसी महज एक दिखावा है और उसकी दक्षिण पूर्व में बड़े हमले की तैयारी है. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने कहा है कि उन्हें यूक्रेन की ओर से सूचना मिली है कि रूस की सेना ने चेर्नोबिल का नियंत्रण लिखित रूप में यूक्रेन को सौंप दिया है.


न्यूक्लियर प्लांट के आस पास से गई सेना


यूक्रेन की एक सरकारी एजेंसी ने कहा कि शुक्रवार को रूस की सेना की अंतिम टुकड़ी परमाणु संयंत्र क्षेत्र से चली गई. एनर्जोएटम ने सैनिकों की हालत का कोई विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया और केवल इतना कहा कि उन्हें रेडियोधर्मी विकिरण का दंश झेलना पड़ा. यह भी नहीं बताया गया कि कितने सैनिक विकिरण से प्रभावित हुए.


क्रेमलिन ने भी इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया और आईएईए ने कहा कि वह इसकी पुष्टि नहीं कर सकता कि रूस के सैनिक विकिरण से प्रभावित हुए. रूस की सेना ने हमले के आरंभिक चरण में 24 फरवरी को चेर्नोबिल पर कब्जा कर लिया था.


यूक्रेन के राष्ट्रपति ने दो जनरल के सैन्य रैंक छीने


यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बताया कि उन्होंने अपने दो जनरल के सैन्य रैंक छीन लिये हैं. जेलेंस्की ने कहा, ‘कुछ चीजों के कारण वे यह तय नहीं कर पा रहे थे कि उनकी मातृभूमि कहां हैं.’ और उन्होंने ‘यूक्रेनी लोगों के प्रति निष्ठा की अपनी सैन्य शपथ का उल्लंघन किया.’


जेलेंस्की के अनुसार, इनमें से एक जनरल मुख्य खुफिया एजेंसी ‘एसबीयू’ में आंतरिक सुरक्षा मामलों के प्रमुख थे. उन्होंने बताया कि दूसरे जनरल ख़ेर्सोन क्षेत्र में ‘एसबीयू’ के प्रमुख थे, जो रूसी सेना द्वारा कब्जे में लिया गया पहला सबसे बड़ा शहर था. जेलेंस्की ने यह नहीं बताया कि इन जनरल के साथ क्या किया जाएगा. केवल उनके सैन्य रैंक को छीनने की जानकारी दी.


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