नई दिल्लीः जर्मनी में आयोजित म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के एक जवाब ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक को मुस्कुराने पर मजबूर कर दिया. हुआ यूं कि कार्यक्रम में जयशंकर, ब्लिंकन और अन्नालेना एक पैनल में थे और उनसे होस्ट सवाल-जवाब कर रही थी. 


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इसमें एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि अगर हम इतने स्मार्ट हैं कि हमारे पास बहुत सारे विकल्प हैं तो इसमें चिंता की क्या बात है. इसको लेकर आपको हमारी तारीफ करनी चाहिए.


 



'हां, भारत के पास कई विकल्प हैं'
होस्ट ने रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में जयशंकर से पूछा था कि भारत के पास कई ऑप्शन हैं. ऐसा लगता है कि भारत की विदेश नीति नॉन अलाइनमेंट से ऑल अलाइनमेंट की तरफ गई है. तेल खरीदने के मामले में भारत ने अमेरिका की नहीं मानी. रूस से लगातार व्यापारिक रिश्ते बने हुए हैं. इस पर जयशंकर ने कहा, हां हमारे पास विकल्प हैं. क्या यह कोई दिक्कत है, आखिर दिक्कत क्यों होनी चाहिए. अगर हम स्मार्ट हैं तो आपको हमारी प्रशंसा करनी चाहिए. यह दूसरे देशों के लिए भी समस्या नहीं है.


हर संबंध के पीछे एक इतिहासः जयशंकर
उन्होंने आगे कहा, एक देश पर काफी दबाव होते हैं. किसी भी देश के लिए एक आयामी रिश्ते बनाने मुश्किल होता है. ऐसा नहीं है कि हम बिना किसी सेंटिमेंट को ध्यान दिए शिफ्ट हो जाते हैं. हम लोगों को साथ लेकर चलते हैं. कुछ बातों को शेयर करते हैं लेकिन हर जगह एक जैसी नहीं होती है. हर संबंध के पीछे एक इतिहास होता है.


उन्होंने आगे कहा, अमेरिका और जर्मनी के संबंधों का एक इतिहास है. अलग-अलग चीजों के लिए किसी देश को अलग-अलग दोस्तों की जरूरत होती है. जीवन जटिल है. अच्छे सहयोगी ऑप्शन देते हैं और स्मार्ट सहयोगी उनमें से कुछ को ले लेते हैं.  


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