श्रीलंका ने अशांति-हिंसा के बीच आपातकाल की घोषणा की, सड़कों पर उतरा जनसैलाब
राजपक्षे ने राजधानी में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के इकट्ठा होने के बाद सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा करते हुए राजपत्र जारी किया है और उनमें से कई ने आर्थिक नीतियों के खराब प्रबंधन के लिए सरकार के विरोध में राष्ट्रपति के आवास पर धावा बोलने की कोशिश की.
कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने देश में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है, जिससे सुरक्षा बलों को तत्काल प्रभाव से संदिग्धों को गिरफ्तार करने और हिरासत में लेने का अधिकार मिल गया है. राजपक्षे ने राजधानी में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के इकट्ठा होने के बाद सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा करते हुए राजपत्र जारी किया है और उनमें से कई ने आर्थिक नीतियों के खराब प्रबंधन के लिए सरकार के विरोध में राष्ट्रपति के आवास पर धावा बोलने की कोशिश की.
क्या कहा राष्ट्रपति ने
राष्ट्रपति ने कहा कि उनका मानना है कि "श्रीलंका में एक सार्वजनिक आपातकाल लगाया गया है, जिसके लिए सख्त कानूनों को लागू करना आवश्यक है." एक बयान के अनुसार, "देश में मौजूदा स्थिति और सार्वजनिक सुरक्षा के हित में सार्वजनिक व्यवस्था की सुरक्षा और समुदाय के जीवन के लिए आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं के रखरखाव को देखते हुए गजेट जारी किया गया है."
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क्यों बिगड़े हैं हमारे पड़ोसी देश के हालात
रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है. 2.2 करोड़ की आबादी वाला यह देश गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन जैसी आवश्यक चीजों की कमी हो गई है. रसोई गैस की कमी है और बिजली कटौती बेहद ज्यादा हो रही है. खाने पीने के सामान के बढ़ते दाम और इसकी कमी के कारण लोग बेहाल हैं. एक दिन पहले राष्ट्रपति के घर पर चढ़ाई करने की कोशिशों के दौरान भीड़ की पुलिस से झड़प हुई है. इसके बाद 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
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