नई दिल्ली: चीन एक बार फिर अपने पड़ोसी देश ताइवान को डराने की कोशिश कर रहा है. महज 24 घंटे में ताइवान की सीमा में चीन ने अपने 103 लड़ाकू विमान भेजे. ताइवान के रक्षा मंत्रालय का दावा है कि इन विमानों के जरिए चीन घुसपैठ करना चाह रहा है. चीन ने ये हरकत उस समय की है जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की. इस दौरान चीनी विदेश मंत्री ने ताइवान का मुद्दा भी उठाया था. 


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ताइवान के रक्षा मंत्रालय का बयान 
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि बीजिंग की तरफ से हो रहीं सैन्य गतिविधियां तनाव बढ़ाने वाली हैं, इससे क्षेत्रीय सुरक्षा के हालात और खराब हो सकते हैं. 17 सितंबर से 18 सितंबर के बीच राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने कुल 103 चीनी लड़ाकू विमानों का पता लगाया था. यह हाल के दिनों में चीन की ओर से भेजे गए सबसे अधिक लड़ाकू विमान हैं. ताइवान ने चीन से इस तरह की हरकतों को तत्काल रोकने के लिए कहा है.


ताइवान को कब्जाने की तैयारी
बीते हफ्ते ही चीन ने एक ब्लूप्रिंट जारी किया था, इसमें ताइवान पर कब्जा कर उसे चीन में मिलाने प्लान था. इसके लिए चीन फुजियान और ताइवान के बीच दूरियां कम करना चाह रहा है. एक महीने पहले ही चीनी सैनिक ताइवान पर हमले के लिए ट्रेनिंग करते दिखे थे. 


ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका-चीन में मतभेद
अमेरिका और चीन के बीच 1979 में रिश्तों की बहाली हुई. अमेरिका ने ताइवान से अपने रिश्ते खत्म कर दिए थे, लेकिन अंदर ही अंदर हथियार सप्लाई करता रहा. अमेरिका वन चाइना पॉलिसी का समर्थन करता है, लेकिन ताइवान के वाले मुद्दे पर उसका रुख अलग है. यही कारण है कि चीन अमेरिका से खफा है. बाइडेन ने भी कई मौकों पर कहा है कि ताइवान पर चीन हमला करता है तो अमेरिका उसके बचाव में उतरेगा.


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