China-Taiwan: ताइवान बनाता है दुनिया का 60% सेमीकंडक्टर, युद्ध हुआ तो डूब जाएंगी ये तीन बड़ी इंडस्ट्रीज
ताइवान को दुनिया का टेक पावर हाउस भी कहा जाता है. ताइवान की सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ने यह कहा है कि, अगर युद्ध होता है तो, यह वैश्विक तकनीकी अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी होगा. दरअसल ताइवान में पूरी दुनिया का लगभग 60 फीसदी सेमीकंडक्टर का प्रोडक्शन होता है.
नई दिल्ली. अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन की हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव की अध्यक्ष नैंनी पेलोसी द्वारा ताइवान का दौर किए जाने की वजह से चीन काफी बुरी तरह से बौखला गया है. चीन ने अपनी सेना का रुख ताइवान की तरफ मोड़ दिया है. इधर युद्ध की आशंकाओं के बीच पूरी दुनिया में एक बड़े आर्थिक संकट की स्थिति भी बनती दिख रही है. दरअसल अगर चीन और ताइवान के बीच युद्ध जैसे हालात बनते हैं तो यह पूरी दुनिया की टेक्नोलॉजी के लिए एक बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकता है. बता दें कि, ताइवान को दुनिया का टेक पावर हाउस भी कहा जाता है.
सेमीकंडक्टर की हो सकती है भारी कमी
ताइवान की सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ने यह कहा है कि, अगर युद्ध होता है तो, यह वैश्विक तकनीकी अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी होगा. दरअसल ताइवान में पूरी दुनिया का लगभग 60 फीसदी सेमीकंडक्टर का प्रोडक्शन होता है. बता दें कि, पूरी दुनिया में सबसे बड़ी और उन्नत चिप फैक्ट्री ताइवान में ही है. ऐसे में अगर इन फैक्ट्रियों का प्रोडक्शन बंद होता है तो पूरी दुनिया में कंप्यूटर और ब्रेक सेंसर की भारी किल्लत देखने को मिलेगी.
एपल के चिपमेकर ने भी दी चेतावनी
दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी एपल ने भी चीन और ताइवान युद्द को लेकर चिंतित दिखाई पड़ रही है. दरअसल एपल के चिपमेकर, ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी (TSMC) ने चेतावनी दी है कि ताइवान और चीन के बीच युद्ध से सभी को नुकसान होगा. TSMC के अध्यक्ष मार्क लियू ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि चिपमेकर्स प्लांट, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर निर्माता है, अगर चीनी आक्रमण करता है तो वह काम नहीं कर पाएगा.
मार्क लियू ने चाइना से कहा है कि, वह ताइवान पर आक्रमण करने से पहले कम से कम दो बार जरूर सोच ले. लियू ने यह बी कहा कि, अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो पूरी दुनिया में चिप और सेमीकंडक्टर की कमी का खतरा पैदा हो जाएगा.
वाहन इंडस्ट्री को भी होगा बड़ा नुकसान
बता दें कि, अगर सेमीकंडक्टर की कमी होती है तो इसका सबसे बड़ा नुकसान वाहन इंडस्ट्री को उठाना पड़ेगा. पिछले साल भी सेमी कंडक्टर चिप की किल्लत की वजह से कई सारी वाहन कंपनियों के प्रोडक्शन पर असर देखने को मिला था. ऐसे में अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो एक बार फिर से पूरी दुनिया में सेमीकंडक्टर की किल्लत देखने को मिल सकती है.
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