इस इस्लामिक देश में शिया समुदाय से छिनी जा रही आजादी, मोहर्रम पर लगाए कड़े प्रतिबंध
तालिबान ने शिया समुदाय के लोगों को सार्वजनिक जगहों पर मोहर्रम से जुड़े झंडे और प्रतीक लगाने से परहेज करने का आदेश दिया है. इसके अलावा तालिबान ने जूलूसों के आयोजन के लिए जगहों की संख्या भी सीमित कर दी है.
नई दिल्ली: अफगानिस्तान में मोहर्रम की शुरुआत के बाद से तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान में कड़े नियम लागू किए हैं. इन नियमों का पालन न करने वाले लोगों को दंड देने की चेतावनी भी दी गई है. माना जा रहा है कि तालिबान ने यह कदम शिया समुदाय के लोगों को मोहर्रम मनाने से रोकने के लिए उठाया है.
मोहर्रम को लेकर लगा प्रतिबंध
मोहर्रम इस्लामिक कलैंडर का पहला महीना माना जाता है. पैगंबर मुहम्मद के पोते इमाम हुसैन की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में शिया समुदाय की ओर से इस हर साल मनाया जाता है. अफगानिस्तान में अगस्त 2021 यानी तालिबान के कब्जे से पहले शिया समुदाय बिना किसी प्रतिबंध के खुलेआम मोहर्रम मनाता था, हालांकि अब इस समुदाय को इसके लिए कई प्रतिबंधो का सामना करना पड़ रहा है.
इन चीजों पर लगी रोक
'काबुल नाउ' में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान ने शिया समुदाय के लोगों को सार्वजनिक समारोह का आयोजन करने और सार्वजनिक जगहों पर मोहर्रम से जुड़े झंडे और प्रतीक लगाने से परहेज करने का आदेश दिया है. इसके अलावा तालिबान ने जूलूसों के आयोजन के लिए जगहों की संख्या भी सीमित कर दी है और मुहर्रम के दौरान फूड स्टॉल लगाने और ड्रिंक्स बांटने पर भी बैन लगा दिया है.
नियमों का पालन न करने पर मिलेगी ये सजा
'काबुल नाउ' के मुताबिक तालिबान सुरक्षा एजेंटों ने कई जगहों पर दर्जनों झंडे और बैनर हटा दिए हैं. वहीं शोक मनाने वाले लोगों पर तालिबान की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन करे पर पिटाई करने और जेल पहुंचाने की चेतावनी दी गई है. इतनी ही नहीं तालिबान एजेंटों ने कुछ दिनों पहले अफगानिस्तान के हेरात प्रांत से इन प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के आरोप में शोक मनाने वाले 2 शिया लोगों को गिरफ्तार किया है.
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