नई दिल्लीः मध्य पूर्व में हालात दिन-ब-दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं. अब मौजूदा परिस्थिति यह है कि इजरायल और ईरान के बीच जंग जैसे हालात पैदा हो गए हैं. इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मोसाद जासूसी एजेंसी के प्रमुख समेत वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों का मानना ​​है कि यमन में तेहरान के प्रॉक्सी ग्रुप पर हमला करने के बजाय ईरान पर सीधे हमला करना सही कदम है.


हूती विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी


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इस तरह के बयान तब आ रहे हैं जब इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को ही यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी. उन्होंने चेतावनी दी थी कि इजरायल यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ वैसे ही कार्रवाई करेगा, जैसे उसने ईरान के अन्य प्रॉक्सी ग्रुप के खिलाफ की थी. तेल अवीव के खेल मैदान पर एक बैलिस्टिक मिसाइल गिरने के बाद उन्होंने ईरान के प्रॉक्सी के खिलाफ अभियान की शुरुआत के संकेत दिए.


इजरायल ने ईरान के प्रॉक्सी ग्रुप्स की कमर तोड़ी


मध्य पूर्व में ईरान गाजा के हमास, यमन के हूती, लेबनान के हिजबुल्ला और सीरिया में बशर अल-असद के समर्थन से इजरायल पर दबाव बनाने के लिए अलग-अलग कार्रवाई करता था. लेकिन इजरायल ने पश्चिमी सहयोगियों के समर्थन से एक-एक करके ईरान के ज्यादातर प्रॉक्सी ग्रुप्स की कमर तोड़ दी है. 


हमास, हिजबुल्लाह की टॉप लीडरशिप का सफाया


इजरायल ने 7 अक्टूबर 2023 को हमास की ओर से किए गए हमले के जवाब में गाजा पर ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू की, जो अब तक जारी है. इजरायल हमास को काफी नुकसान पहुंचा चुका है और इसकी टॉप लीडरशिप का सफाया कर चुका है. इसी तरह लेबनान के हिजबुल्लाह विद्रोहियों पर भी इजरायल ने कार्रवाई की और इसके शीर्ष नेताओं को खत्म कर दिया. 


सीरिया में बशर अल असद को सत्ता से होना पड़ा बेदखल


उधर सीरिया में विद्रोहियों ने बशर अल असद की सत्ता गिरा दी है और अब इजरायल यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का संकेत दे चुका है. इस तरह इजरायल मध्य पू्र्व में ईरान के सारे सहयोगियों को एक-एक करके इतना नुकसान पहुंचा चुका है कि कई जानकार मानते हैं कि इस्लामी दुनिया का नेता बनने का ख्वाब देखने वाला ईरान कमजोर होता नजर आ रहा है. 


अगर ऐसे में अब इजरायल सीधे ईरान पर हमला कर दे तो हैरानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी होने जा रही है जिससे इजरायल के हौसले और बुलंद होंगे. 


क्षेत्र में हमारा कोई प्रॉक्सी नहींः ईरान


वहीं ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने रविवार को कहा था कि उनके देश को कोई कार्रवाई करने के लिए प्रॉक्सी ग्रुप्स की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि ईरान के पास कोई प्रॉक्सी फोर्स नहीं है. यमन लड़ता है क्योंकि उसमें आस्था है. हिजबुल्लाह लड़ता है क्योंकि आस्था की शक्ति उसे मैदान में खींचती है. हमास और (इस्लामिक) जिहाद लड़ते हैं क्योंकि उनके विश्वास उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर करते हैं. वे हमारे प्रॉक्सी के रूप में काम नहीं करते हैं.


उन्होंने कहा, 'वे (अमेरिकी) कहते हैं कि ईरान ने इस क्षेत्र में अपनी प्रॉक्सी फोर्स खो दी है! यह एक और गलती है. अगर हम कार्रवाई करना चाहेंगे तो हमें प्रॉक्सी फोर्स की जरूरत नहीं होगी.'


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