नई दिल्लीः पाकिस्तान के पीएम इमरान ख़ान अपनी कुर्सी को महफूज रखने की चाहे जितनी जद्दोजहद कर लें अब इस नापाक सरकार के दिन पूरे हो चुके हैं. विपक्षियों के हौसले इस बात की तस्दीक कर रहे हैं. इमरान ने सभी सियासी रैलियों पर रोक लगाने का फरमान सोमवार को जारी किया था, मगर इसके कुछ घंटों के अंदर ही 11 मुख्य विपक्षी दलों के गठबंधन PDM ने इस फरमान की ऐसी-तैसी कर दी और प्रस्तावित पेशावर रैली अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक करने का ऐलान कर दिया. 


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रैली से डरे इमरान को नया चैलेंज
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान चाहे जितनी भी कोशिश कर लें लेकिन उनका गुरूर 22 नवंबर को पेशावर में 11 विपक्षी दलों का गठबंधन चकनाचूर करेगा. 11 अहम विपक्षी दलों के गठबंधन PDM के प्रवक्ता ने ऐलान-ए-जंग करते हुए कहा है कि इमरान सरकार कोरोना महामारी की आड़ लेकर अवाम की आवाज़ नहीं दबा सकती.



पाकिस्तान पिपल्स पार्टी की प्रवक्ता नफीस शाह और PMLN के प्रवक्ताओं के अलावा गठबंधन की सभी पार्टियों ने बाजाप्ता प्रेस कान्फ्रेंस कर PDM के होने वाले तमाम तयशुदा कार्यक्रम अपने वक्त पर होने का दावा किया. 


इमरान के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन
PDM की ये ललकार ही बता रही है कि अब इमरान की तानाशाही को माकूल जवाब मिलेगा. उनके फरमान को विपक्षी नेताओं ने सिरे से खारिज कर दिया है. दरअसल गिलगित-बाल्टिस्तान में हाल में हुए चुनाव में धांधली के आरोपों को लेकर भी इमरान सरकार के खिलाफ़ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हुए हैं.



इन सबसे घबराए इमरान ने नेशनल को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक के बाद बड़े प्रदर्शनों पर रोक लगा दी थी. जिसमें कहा गया था कि कोरोना की वजह से 300 से ज्यादा लोगों के एक जगह जमा होने पर पाबंदी है.


चौतरफा घिरे हैं इमरान
इसके पीछे की दूसरी वजह ये है कि PDM के गरजते विपक्षी नेताओं ने इमरान हुकूमत की चूलें हिला रखी हैं. पिछले महीने इमरान के खिलाफ विपक्ष के हल्लाबोल की शुरूआत पंजाब से हुई, पहले 16 अक्टूबर को गुजरांवाला में फिर कराची में और इसके बाद 25 अक्टूबर को क्वेटा में संयुक्त विपक्ष की बड़ी रैली में इमरान की सत्ता पर जबरदस्त प्रहार हुए.



लंदन में रह रहे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के वर्चुअली रैली को संबोधित करने के अलावा उनकी बेटी और PMLN की नेता मरियम नवाज़, पीपीपी के विलावल भुट्टो जरदारी और JUD के मौलाना फजल्लुरहमान ने इमरान सरकार पर सवालों की बौछार कर दी थी.


विरोधियों का ऐलान रैली तो कर के रहेंगे
अब तक हुए 3 पावर शो में पाकिस्तान की तानाशाही वाली नाकाम इमरान सरकार को घेरने के बाद अब प्रस्तावित चौथा शक्ति प्रदर्शन 22 नवंबर को पेशावर में होकर रहेगा. और इतना ही नहीं इसके बाद पीडीएम की दो और रैलियां हैं. 30 नवंबर को मुल्तान में और 13 दिसंबर को लाहौर में बड़ी रैलियों का आयोजन रखा गया है जिसकी तैयारियां मुकम्मल हैं.



अब विपक्षियों से मिल रही ऐसी ललकार ने इमरान की नींद हराम कर दी है. अपने ऊपर उठ रहे ऐसे सवालों की बौछार से खौफ़ में आए पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने सोमवार को सियासी रैलियों पर बैन लगाने का ऐलान कर दिया था. 


इमरान खान नियाजी की सत्ता के आखिरी दिन
नियाज़ी के ऐलान को 24 घंटे भी नहीं बीते कि उसे धत्ता बताते हुए विपक्षी गठबंधन ने पलटवार किया और 22 नवंबर को पेशावर में निर्णायक संयुक्त रैली करने का ऐलान कर दिया. साफ है कि इमरान का बहाना काम ना आया. जिस कोरोना प्रोटोकॉल के बहाने चले थे अपने डर को भगाने उसी खौफ़ ने इमरान को फिर से घेर लिया है. अपनी करतूतों के भार से दबे खौफ में जीते इमरान सरकार के आखिरी दिन अब बेहद करीब हैं.


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