नई दिल्लीः पाकिस्तान के पंजाब के ननकाना साहिब जिले में शनिवार को ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार किए गए 35 वर्षीय एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. मीडिया को यह जानकारी दी गई है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, पीड़ित पर पवित्र कुरान का अपमान करने का आरोप लगाया गया था, जबकि स्थानीय लोगों ने दावा किया कि वह 'जादू टोना' में शामिल था.


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थाने में घुसकर मार डाला
आरोप के बाद उसे स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया. हालांकि, घटना की खबर इलाके में फैलते ही भीड़ पुलिस थाने पर जमा हो गई. भीड़ ने पुलिस से आरोपी को सौंपने की मांग की. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में भीड़ को पुलिस स्टेशन के बड़े गेट को जबरदस्ती खोलते हुए देखा जा सकता है, जिसके बाद भीड़ इमारत में घुस गई.


पुलिसकर्मियों को किया गया सस्पेंड
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक उस्मान अनवर ने मॉब लिंचिंग को रोकने में विफल रहने पर शनिवार को दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया. उन्होंने ट्वीट में लिखा, कुल पागलपन! ननकाना साहिब में गुस्साई भीड़ ने पुलिस थाने पर हमला कर दिया. कथित तौर पर ईशनिंदा के एक आरोपी को मार दिया गया और उसके शरीर को भीड़ ने जला दिया. जाहिर है, पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने में असमर्थ थी.


एक दूसरे वीडियो में बच्चों को दिखाया गया है- कथित तौर पर भीड़ का हिस्सा - थाने के अंदर टूटे शीशे और उलटे फर्नीचर को बिखरे हुए देखा जा सकता है. पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि आईजी ने ननकाना साहिब सर्कल के पुलिस उपाधीक्षक नवाज वारक और वारबर्टन एसएचओ फिरोज भट्टी को निलंबित कर दिया है. आईजी ने आंतरिक जवाबदेही शाखा के डीआईजी सैयद मुहम्मद अमीन बुखारी और विशेष शाखा के डीआईजी राजा फैसल को भी मौके पर पहुंचकर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया.


आईजी ने कहा, किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं है, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो. घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के साथ-साथ लापरवाही के दोषियों के खिलाफ सख्त विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी.


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डॉन की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान उलेमा काउंसिल (पीयूसी) के अध्यक्ष ताहिर महमूद अशरफी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि जिस तरह भीड़ ने ईशनिंदा के आरोपी पर हमला किया, वह खेदजनक है. अशरफी ने एक ट्वीट में कहा, ईशनिंदा के आरोपी व्यक्ति की अमानवीय यातना और पुलिस थाने पर हमला करना खेदजनक और निंदनीय है.


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